
जम्मू-कश्मीर में सेना की बड़ी कार्रवाई: 48 घंटे में 6 आतंकवादी ढेर
जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में बीते 48 घंटों में दो अहम ऑपरेशनों के दौरान भारतीय सेना ने छह आतंकवादियों को मार गिराया है। इस कार्रवाई को सुरक्षाबलों की एक बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है।
सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने शनिवार को मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि इन दोनों ऑपरेशनों को जटिल और विषम भौगोलिक परिस्थितियों में अंजाम दिया गया। एक ऑपरेशन ऊंचाई वाले केलर क्षेत्र में चला, जबकि दूसरा त्राल के सीमावर्ती गांव में किया गया।
केलर में पहली मुठभेड़
12 मई को सेना को केलर की ऊंची पहाड़ियों में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। अगली सुबह जब इलाके में हलचल देखी गई, तो सुरक्षाबलों ने आतंकियों को ललकारा। जवाब में आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी, लेकिन सेना ने पूरी सतर्कता और रणनीति के साथ आतंकियों का सफाया कर दिया।
त्राल में दूसरी कार्रवाई – नागरिकों को बचाते हुए चली मुठभेड़
दूसरा ऑपरेशन त्राल के एक सीमावर्ती गांव में हुआ, जहां आतंकवादी घरों में छिपे हुए थे। जैसे ही सेना ने गांव को घेरा, आतंकवादियों ने अलग-अलग घरों से फायरिंग शुरू कर दी।
इस दौरान सबसे बड़ी चुनौती थी – गांव के आम नागरिकों को सुरक्षित निकालना। सेना और सुरक्षाबलों ने पहले उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया, फिर तीन आतंकियों को मार गिराया।
मेजर जनरल धनंजय जोशी, जो ऑपरेशन की अगुवाई कर रहे थे, ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों में एक, शाहिद कुट्टे, दो बड़े आतंकी हमलों में शामिल था – जिनमें एक जर्मन पर्यटक पर हमला भी शामिल है। साथ ही वह आतंकी फंडिंग गतिविधियों से भी जुड़ा हुआ था।
सेना का सख्त संदेश
मेजर जनरल जोशी ने स्पष्ट कहा, “आतंकवादी जहां भी छिपेंगे, हम उन्हें ढूंढ निकालेंगे और खत्म करेंगे।”
इस ऑपरेशन में सेना के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की भी अहम भूमिका रही।
पुलवामा में सेना की बड़ी सफलता, जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादी ढेर
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सेना को एक अहम सफलता हाथ लगी है। गांव में तीन आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना के बाद सेना ने तुरंत मोर्चा संभाला। सबसे पहले सभी नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, ताकि किसी आम व्यक्ति को नुकसान न पहुंचे।
इसके बाद सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन शुरू किया। थोड़ी ही देर में गोलीबारी शुरू हो गई, लेकिन सेना ने पूरी सतर्कता और रणनीति के साथ जवाब दिया और तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया।
समतल इलाके में चला पुलवामा ऑपरेशन
जहां त्राल का ऑपरेशन जंगलों और ऊंचे पहाड़ी इलाकों में चला, वहीं पुलवामा का यह अभियान गांव के समतल इलाके में हुआ। दोनों ही ऑपरेशन सेना की चुस्त रणनीति और तालमेल का बेहतरीन उदाहरण हैं।
मारे गए आतंकियों की पहचान
सेना ने बताया कि पुलवामा में मारे गए तीनों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद (JeM) संगठन से जुड़े थे। इनकी पहचान इस प्रकार की गई है:
- आसिफ अहमद शेख
- अमीर नजीर वानी
- यावर अहमद भट
ऑपरेशन सिंदूर के तहत नई रणनीति
इन कार्रवाइयों को भारत की नई आतंकवाद विरोधी नीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। वर्तमान में चल रहे ऑपरेशन सिंदूर के तहत, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अब आतंकवाद के खिलाफ किसी सीमित क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा – जहां आतंकवादी होंगे, वहीं उन्हें खत्म किया जाएगा।