
90 के दशक ने भारतीय टेलीविजन को एक नया रूप और दिशा दी थी। यह वह समय था जब टेलीविजन ने भारतीय घरों में अपनी पकड़ी बनाई और लोग टीवी पर अपने पसंदीदा शोज़ को देखकर सुकून और मनोरंजन महसूस करते थे। उन दिनों के टीवी शोज़ ने न केवल मनोरंजन किया, बल्कि भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं को भी उजागर किया। इस लेख में हम 90’s शो के बारे में बात करेंगे, जो आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं।
90’s के शोज़ का इतिहास
90 के दशक में भारत में टेलीविजन की दुनिया में एक क्रांति आ गई थी। यह वह समय था जब भारत में कलर्स टीवी, दूरदर्शन और सहारा टीवी जैसे चैनल आ चुके थे। टेलीविजन पर प्राइम टाइम शो, सिटकॉम, और सस्पेंस थ्रिलर की लहर दौड़ी। यह दशक भारतीय टीवी उद्योग के लिए एक स्वर्णिम काल था, क्योंकि तब के शोज़ न केवल मनोरंजन का साधन बने बल्कि समाज में जागरूकता और सामाजिक संदेश भी फैलाने का काम करते थे।
90’s के पॉपुलर शोज़
- रामायण और महाभारत अगर 90 के दशक के टेलीविजन शोज़ की बात करें तो सबसे पहले जिन शोज़ का नाम आता है, वे हैं रामायण और महाभारत। इन दोनों शोज़ ने भारतीय दर्शकों के दिलों में अपनी एक अलग जगह बनाई। इन धार्मिक और ऐतिहासिक शोज़ के प्रसारण के दौरान लोग अपने घरों में टीवी के सामने बैठकर इन्हें बड़े ध्यान से देखते थे। इन शोज़ ने केवल धार्मिक शिक्षा नहीं दी, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रदर्शित किया।
- तारक मेहता का उल्टा चश्मा 90 के दशक के अंत में तारक मेहता का उल्टा चश्मा जैसे शोज़ ने टीवी की दुनिया में कदम रखा। इस शो ने भारतीय परिवारों के जीवन के सामाजिक पहलुओं और रिश्तों को खूबसूरती से प्रदर्शित किया। इसके हास्यपूर्ण संवाद और रोचक कथानक ने इसे आज भी लोगों का पसंदीदा शो बना दिया है।
- शक्तिमान शक्तिमान भारतीय बच्चों का सुपरहीरो था। यह शो बच्चों के लिए खास था, क्योंकि इसमें शक्तिमान, जो एक सुपरहीरो था, ने अच्छे और बुरे के बीच संघर्ष को दिखाया। शक्तिमान भारतीय टीवी इतिहास का पहला सुपरहीरो शो था और यह बच्चों के बीच बहुत लोकप्रिय था।
- ढाई किलो मांस ढाई किलो मांस एक ड्रामा शो था जो भारतीय समाज की समाजशास्त्र और राजनीतिक धारा पर आधारित था। यह शो अपने दिलचस्प पात्रों और जटिल कथा के कारण 90 के दशक के प्रसिद्ध शोज़ में गिना जाता है।
- ब्योमकेश बक्शी 90 के दशक में आधारित ब्योमकेश बक्शी एक भारतीय टीवी शो था जो सस्पेंस और मिस्ट्री से भरपूर था। इस शो ने राजनीतिक थ्रिलर और समाज पर नज़र डालते हुए दर्शकों को आकर्षित किया। ब्योमकेश बक्शी का किरदार बहुत ही मशहूर हुआ और आज भी यह शो चर्चा में है।
90’s शोज़ की विशेषताएँ
- सामाजिक संदेश: 90 के दशक के शो न केवल मनोरंजन करते थे, बल्कि हर शो में एक सामाजिक संदेश भी छिपा हुआ होता था। ये शोज़ समाज में जागरूकता फैलाते थे और लोगों को सकारात्मक दृष्टिकोण देने का काम करते थे।
- साधारण सेटिंग्स: उस समय की शोज़ में सेट बहुत ही साधारण होते थे, लेकिन उनकी कहानी और पात्रों की भूमिका बेहतरीन होती थी। इस कारण लोग इन शोज़ से जुड़ पाते थे और इनसे एक भावनात्मक रिश्ता बना पाते थे।
- सपने और संघर्ष: 90 के दशक के शोज़ में पात्रों के जीवन में सपनों और संघर्ष का शानदार मिश्रण देखने को मिलता था। ये शोज़ दर्शकों को यह संदेश देते थे कि मेहनत और दृढ़ता से आप किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
90’s शो और उनका समाज पर प्रभाव
90 के दशक के शोज़ ने भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव डाला। यह शोज़ न केवल मनोरंजन के साधन थे, बल्कि भारतीय परिवारों के रिश्तों और समाज के मुद्दों को उजागर करने का माध्यम भी थे। इन शोज़ ने समाज में समानता, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज, और महिला सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया।
90’s के शो भारतीय टेलीविजन का स्वर्ण युग थे, जिनकी याद आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है। इन शोज़ ने न केवल मनोरंजन किया, बल्कि भारतीय समाज को जागरूक करने का भी कार्य किया। आज भी 90’s के शोज़ एक नए सिरे से चर्चाओं में रहते हैं और लोग इनकी पुनः प्रसारण का आनंद लेते हैं। यदि आप 90 के दशक के टीवी शोज़ के प्रति रुचि रखते हैं, तो इन शोज़ को देखना एक बेहतरीन अनुभव हो सकता है, जो आपको पुरानी यादों में खो जाने का मौका देता है।