
पहलगाम (जम्मू-कश्मीर), 23 मई 2025:
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के एक महीने बाद भी इस प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर सन्नाटा पसरा हुआ है। कभी पर्यटकों से गुलजार रहने वाले बेताब वैली, बॉबी हट और बैसारन जैसे दर्जनों पर्यटन स्थल अब वीरान पड़े हैं। हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय निवासी की निर्मम हत्या के बाद से क्षेत्र में भय का माहौल बना हुआ है।
पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान
पहलगाम होटल्स एंड ओनर्स एसोसिएशन (PHOA) के अनुसार, पहलगाम के 1,500 से अधिक होटलों में वर्तमान में महज 10% तक की बुकिंग हो रही है। PHOA के अध्यक्ष जावेद बुरज़ा ने बताया, “कई बड़े होटलों में पूरी तरह से बुकिंग शून्य है। होटल संचालकों ने अपने कर्मचारियों को घर पर रहने के लिए कह दिया है। यह एक भयावह और डरावनी घटना थी, जिससे पर्यटन की संभावनाएं लगभग समाप्त हो गई हैं।”
सार्वजनिक पार्क भी बंद
पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए होटल व्यवसायियों ने सरकार से पहलगाम के सार्वजनिक पार्कों को खोलने की मांग की है। पोशवान पार्क, नेहरू पार्क, आइलैंड पार्क, लिद्दर व्यू पार्क और अरु पार्क जैसे स्थल बीते कई दिनों से बंद हैं। बुरज़ा ने कहा, “सरकार की एडवाइजरी के चलते पार्क बंद हैं, लेकिन इन्हें खोलना जरूरी है ताकि स्थानीय और घरेलू पर्यटक वापस लौटें।”
अमरनाथ यात्रा से उम्मीदें
स्थानीय लोग अब आगामी अमरनाथ यात्रा, जो 3 जुलाई से शुरू हो रही है, से उम्मीद लगाए बैठे हैं। बुरज़ा ने कहा, “हम यात्रा की मेज़बानी के लिए तैयार हैं। होटल पहले ही 50% तक की छूट दे रहे हैं। हमें भरोसा है कि यात्रा के बाद पर्यटक लौटेंगे और हालात सुधरेंगे।”
युवा उद्यमियों पर असर
साहसिक खेलों जैसे ज़ॉर्बिंग और ज़िपलाइन में निवेश करने वाले कई युवा अब खाली बैठे हैं। स्थानीय निवासी नज़ीर मीर ने बताया, “मैंने बैंक से कर्ज लेकर एडवेंचर स्पोर्ट्स शुरू किया था। इस साल अच्छी आमदनी की उम्मीद थी, लेकिन अब सब ठप पड़ गया है। मेरी रोज़ी-रोटी पूरी तरह पर्यटकों पर निर्भर है।”
पर्यटन पर पूरी तरह निर्भर पहलगाम की अर्थव्यवस्था
करीब 9,264 की आबादी वाला पहलगाम कृषि या बागवानी की संभावनाओं के बिना पूरी तरह पर्यटन पर निर्भर है। स्थानीय निवासी फिरदौस डार ने कहा, “हमने पूरे साल के लिए होटल किराए पर लिए थे। मई-जून का मुख्य सीजन लगभग समाप्त हो गया है। हम तो एडवांस में दिए पैसे भी नहीं निकाल पाए। कई निवेशक मानसिक तनाव में हैं। सरकार को आगे आकर मदद करनी चाहिए।”
JKHARA का 65% छूट का ऐलान
जम्मू और कश्मीर होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन (JKHARA) ने भी होटल दरों में 65% तक की छूट देने की घोषणा की है। JKHARA के अध्यक्ष बाबर चौधरी ने कहा, “हम युद्ध जैसी स्थिति से निकले हैं। होटल व्यवसायी हालात समझते हैं और जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोगों के लिए विशेष पैकेज भी ला रहे हैं।”
फिर लौटेगी रौनक की उम्मीद
होटल संचालकों को विश्वास है कि पहलगाम की प्राकृतिक सुंदरता एक बार फिर पर्यटकों को आकर्षित करेगी। बुरज़ा ने कहा, “पहलगाम साफ-सुथरा है और मेहमानों के स्वागत के लिए तैयार है। कोई भी घटना लोगों को कश्मीर आने से नहीं रोक सकती।”
बैसारन मैदान अब भी बंद
जहां हमला हुआ था, वह बैसारन घास का मैदान अब भी आम जनता के लिए बंद है। इस भयावह हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक सैन्य तनाव बना रहा, जिसने स्थिति को और बिगाड़ दिया।