
CAG क्या है?
भारत में CAG (Comptroller and Auditor General) यानी नियंत्रक और महालेखा परीक्षक एक संवैधानिक पद है। यह पद देश की वित्तीय प्रणाली की निगरानी करता है और सरकारी खर्चों की जांच करता है। CAG का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक धन के उचित उपयोग को सुनिश्चित करना है।
CAG की भूमिका और कार्य
CAG भारत सरकार और राज्य सरकारों के खातों का ऑडिट करता है। इसके अलावा, यह सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) और अन्य सरकारी संस्थानों की वित्तीय रिपोर्ट्स की जांच करता है। CAG की रिपोर्ट संसद और राज्य विधानसभाओं में पेश की जाती है, जिससे सरकारी खर्चों में पारदर्शिता बढ़ती है।
CAG का महत्व
CAG का कार्य देश में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। यह सरकारी विभागों और एजेंसियों को उनके वित्तीय प्रबंधन में सुधार करने के लिए सिफारिशें भी प्रदान करता है। CAG की रिपोर्ट्स नीति निर्माण और सुधारात्मक कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
CAG और सार्वजनिक हित
CAG की स्वतंत्रता और निष्पक्षता इसे एक विश्वसनीय संस्था बनाती है। यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी धन का उपयोग जनहित में हो और कोई भ्रष्टाचार या गड़बड़ी न हो। CAG की रिपोर्ट्स अक्सर मीडिया और नागरिक समाज का ध्यान आकर्षित करती हैं, जिससे सरकार पर जवाबदेही का दबाव बनता है।
भारत में CAG का पद देश की वित्तीय प्रणाली की रीढ़ है। यह न केवल सरकारी खर्चों की निगरानी करता है बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। CAG की स्वतंत्रता और निष्पक्षता इसे एक अहम संस्था बनाती है, जो लोकतंत्र को मजबूत करती है।