
“₹112.4 करोड़ की ड्रग्स बरामदगी: मिज़ोरम के ज़ोखावठर में असम राइफल्स की ज़बरदस्त कार्रवाई, तस्कर नदी कूदकर भागे”
मिज़ोरम (11 जुलाई 2025):
भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित मिज़ोरम के चंपाई ज़िले में असम राइफल्स ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन के तहत ज़ोखावठर कस्बे के पास अवैध मेथामफेटामिन टैबलेट्स (Yaba tablets) की एक बड़ी खेप बरामद की गई, जिसकी बाज़ार में अनुमानित कीमत ₹112.401 करोड़ बताई जा रही है।
इस जब्ती ने ना सिर्फ भारत-म्यांमार सीमा पर मादक पदार्थों की तस्करी को उजागर किया है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि सुरक्षा बलों की सतर्कता से इस अवैध कारोबार पर गंभीर चोट की जा सकती है।
खुफिया सूचना पर हुई कार्रवाई
असम राइफल्स को ज़ोखावठर क्षेत्र में ड्रग्स की तस्करी को लेकर एक पुख्ता खुफिया जानकारी प्राप्त हुई थी। सूचना के अनुसार 11 जुलाई को शाम लगभग 5 बजे, तस्करों द्वारा भारत में नशीले पदार्थों की खेप लाने की योजना बनाई जा रही थी। इसी आधार पर एक एरिया डॉमिनेशन पेट्रोल (ADP) टीम को अलर्ट पर रखा गया।
टीम ने ज़ोखावठर के पास गश्त के दौरान दो संदिग्ध व्यक्तियों को देखा, जो सफेद रंग के रक्सैक (backpack) उठाए हुए थे। जैसे ही सुरक्षाबलों ने उन्हें रोका, दोनों व्यक्ति तेजी से दौड़ते हुए पास की नदी में कूद गए और इंडो-म्यांमार सीमा पार करके म्यांमार की ओर भाग निकले।
कितनी मात्रा में मिली नशीली दवा?
संदिग्धों द्वारा छोड़े गए रक्सैकों की जांच करने पर सुरक्षाबलों को कुल 33 पैकेट मेथ टैबलेट्स बरामद हुए। इन पैकेटों में लगभग 3,33,300 टैबलेट्स थीं, जिनका कुल वज़न करीब 37.476 किलोग्राम है। इनकी अनुमानित अंतरराष्ट्रीय बाज़ार कीमत ₹112.401 करोड़ आंकी गई है।
इन टैबलेट्स को स्थानीय स्तर पर या अन्य राज्यों में वितरित करने की योजना थी। माना जा रहा है कि यह खेप चंपाई कस्बे और आसपास के क्षेत्रों में खपाई जानी थी।
ज़ोखावठर: एक संवेदनशील सीमा क्षेत्र
ज़ोखावठर मिज़ोरम के चंपाई ज़िले में स्थित एक सीमावर्ती कस्बा है जो म्यांमार से सटा हुआ है। यह इलाका म्यांमार के चिन राज्य के करीब है और यहां से अवैध तस्करी, विशेषकर ड्रग्स, विदेशी सिगरेट, और हथियारों की गतिविधियाँ पहले भी सामने आ चुकी हैं।
असम राइफल्स, जो मिज़ोरम में 510 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा की रक्षा करती है, ने इस क्षेत्र को हाई-रिस्क जोन घोषित किया हुआ है और यहां नियमित गश्त चल रही है।
पुलिस के हवाले की गई जब्त सामग्री
असम राइफल्स द्वारा जब्त की गई ड्रग्स को आगे की जांच और कानूनी कार्यवाही के लिए मिज़ोरम के ज़ोखावठर कस्बे में स्थित पुलिस विभाग को सौंप दिया गया।
अब मिज़ोरम पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) इस मामले की विस्तृत जांच करेंगे, जिससे यह पता लगाया जा सके कि ड्रग्स की यह खेप किस नेटवर्क से जुड़ी थी, और इसके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं।
एक दिन पहले मणिपुर में शराब की तस्करी पर भी कार्रवाई
असम राइफल्स का यह अकेला ऑपरेशन नहीं था। 10 जुलाई को गुरुवार के दिन, असम राइफल्स ने मणिपुर के जिरीबाम ज़िले में एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया, जहां 1,800 पेटी देशी शराब जब्त की गई। इस शराब की कुल अनुमानित कीमत ₹15 लाख के आसपास थी।
इस कार्रवाई में दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है, जो इस अवैध व्यापार में शामिल थे। मणिपुर में शराबबंदी लागू है और यहां अवैध शराब की तस्करी एक आम चुनौती बन चुकी है।
अवैध गतिविधियों पर लगातार कड़ा शिकंजा
असम राइफल्स न केवल म्यांमार सीमा पर निगरानी कर रही है, बल्कि पूर्वोत्तर भारत में हो रही सभी तरह की अवैध गतिविधियों पर भी पैनी नजर बनाए हुए है।
मिज़ोरम, मणिपुर और नागालैंड जैसे राज्यों की सीमा म्यांमार से सटी होने के कारण यह क्षेत्र नशीली दवाओं, हथियारों और नकली मुद्रा की तस्करी के लिहाज़ से संवेदनशील माना जाता है।
2025 में अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी
₹112.4 करोड़ की यह बरामदगी इस साल अब तक की सबसे बड़ी नशीली दवाओं की जब्ती मानी जा रही है। इससे यह साफ है कि ड्रग माफिया इस क्षेत्र को सुरक्षित रूट मानते हैं और लगातार भारत में नशे को फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
लेकिन साथ ही यह भी साफ है कि असम राइफल्स जैसी एजेंसियां इस चुनौती का डटकर सामना कर रही हैं।
सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता से उम्मीद
मिज़ोरम और मणिपुर जैसे सीमावर्ती राज्यों में सुरक्षा बलों की सक्रियता से न केवल ड्रग तस्करी रोकी जा रही है, बल्कि इससे स्थानीय युवाओं को नशे की गिरफ्त में जाने से भी बचाया जा रहा है।
यह ज़रूरी है कि ऐसे अभियानों में स्थानीय प्रशासन, पुलिस और खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय बना रहे ताकि इस तरह की तस्करी को जड़ से खत्म किया जा सके।
असम राइफल्स की यह कार्रवाई न सिर्फ एक बड़ी बरामदगी है, बल्कि यह एक मजबूत संदेश भी है कि भारत सरकार और उसकी सुरक्षा एजेंसियां देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भारत-म्यांमार सीमा पर चल रहे तस्करी के नेटवर्क को तोड़ने के लिए ऐसी सतर्कता और सहयोग की जरूरत लगातार बनी रहेगी।
(gurshan)