
इज़राइल-ईरान टकराव: आठवें दिन भी जारी संघर्ष, तेहरान पर इज़राइली वायुसेना का बड़ा हमला
तेहरान और यरुशलम के बीच जारी तनाव अब अपने चरम पर पहुंच गया है। शुक्रवार को इज़राइली सेना ने दावा किया कि उसने ईरान की राजधानी तेहरान में रात भर एक बड़ा हवाई अभियान चलाया, जिसमें 60 से ज्यादा फाइटर जेट्स ने 120 से अधिक हथियारों का इस्तेमाल करते हुए दर्जनों सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।
इज़राइली सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह हमला ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम से जुड़े एक महत्वपूर्ण अनुसंधान केंद्र—SPND (संगठन रक्षा नवाचार और अनुसंधान)—को लक्ष्य बनाकर किया गया। सेना ने SPND को ईरान की रक्षा तकनीकों और उन्नत हथियारों के विकास से जुड़ा एक प्रमुख संस्थान बताया।
बयान में आगे बताया गया कि जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें मिसाइल उत्पादन इकाइयाँ, मिसाइल इंजन बनाने वाले कच्चे माल की फैक्ट्रियाँ और तेहरान के सैन्य अनुसंधान केंद्र शामिल थे।
इस कार्रवाई के दौरान इज़राइली सेना ने ईरान से दागे गए चार ड्रोन (UAV) को भी मार गिराने का दावा किया। साथ ही सेना ने बताया कि उसने ईरान की ओर से इज़राइल की ओर निशाना साधे तीन मिसाइल लॉन्चर भी नष्ट किए।
एक अन्य बयान में बताया गया कि इज़राइली फाइटर जेट्स ने तेहरान और इस्फहान के आसपास ईरानी मिसाइल सिस्टम और रडार ठिकानों को भी तबाह किया, जो इज़राइली विमानों को निशाना बनाने के लिए तैयार किए गए थे।
शुक्रवार तड़के दक्षिणी इज़राइल में मिसाइल हमले की चेतावनी के सायरन बजाए गए। इज़राइली रक्षा बलों ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी कि ईरान से मिसाइल दागे जाने के कारण यह चेतावनी जारी की गई।
यह संघर्ष 13 जून को शुरू हुआ जब इज़राइल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत ईरान के सैन्य और परमाणु ढांचे पर हमले किए। इसके जवाब में ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस III’ के तहत पलटवार किया। इस भिड़ंत के बाद से संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी (IAEA) ने ईरान के नतांज, अराक़, इस्फहान और तेहरान में कई परमाणु-संबंधित साइटों पर नुकसान की पुष्टि की है, जिससे रेडियोधर्मी प्रभाव की चिंता बढ़ गई है।
तेहरान और यरुशलम के बीच यह टकराव अब वैश्विक चिंता का विषय बनता जा रहा है, और आने वाले दिनों में इसकी गंभीरता और बढ़ सकती है।