
बजट बढ़ोतरी की तैयारी में केंद्र, ऑपरेशन सिंदूर के बाद रक्षा खर्च को मिल सकता है 50,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त समर्थन। सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह फंड अनुपूरक बजट के ज़रिए जारी किया जाएगा, जिससे कुल रक्षा बजट 7 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर जाएगा।
गौरतलब है कि 1 फरवरी 2025 को पेश किए गए आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 6.81 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। यह पिछले वर्ष यानी 2024-25 के 6.22 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 9.2% की वृद्धि थी।
सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित अतिरिक्त राशि का इस्तेमाल रिसर्च एंड डेवलपमेंट, आधुनिक हथियारों और गोला-बारूद की खरीद, तथा रणनीतिक उपकरणों पर किया जाएगा। इस पर मुहर संसद के शीतकालीन सत्र में लग सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार 2014 से ही रक्षा क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता देती आई है। उस समय, 2014-15 में रक्षा बजट सिर्फ 2.29 लाख करोड़ रुपये था, जो अब तीन गुना से अधिक हो चुका है।
रक्षा क्षेत्र को बड़ा प्रोत्साहन: ऑपरेशन सिंदूर के बाद 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि संभव
नई दिल्ली: केंद्र सरकार भारत के रक्षा बजट में 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जोड़ने पर विचार कर रही है। यह निर्णय हाल ही में संपन्न ऑपरेशन सिंदूर के बाद लिया गया है, जिसमें भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
यह राशि अनुपूरक बजट के माध्यम से आवंटित की जाएगी, जिससे कुल रक्षा बजट 7 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर सकता है। वर्तमान में रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित है, जो इस वर्ष का सबसे बड़ा मंत्रालयीय आवंटन है और कुल बजट का 13 प्रतिशत है।
तनावपूर्ण हालात और जवाबी कार्रवाई
यह बजट वृद्धि ऐसे समय में प्रस्तावित की जा रही है जब भारत-पाकिस्तान संबंध तनावपूर्ण हैं। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक प्रॉक्सी ग्रुप ने ली थी।
इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9 आतंकी ठिकानों पर 24 हवाई हमले किए, जिनमें लगभग 70 आतंकी मारे गए। इन हमलों की अवधि सिर्फ 25 मिनट थी, लेकिन इसका असर रणनीतिक रूप से गहरा रहा।
भारत की वायु रक्षा प्रणाली की ताकत
पाकिस्तान की ओर से जवाबी हमले में ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन भारतीय वायु रक्षा नेटवर्क ने इनका लगभग पूरी तरह से खात्मा कर दिया। इस नेटवर्क में रूसी S-400 सिस्टम के साथ-साथ स्वदेशी ‘आकाश’ मिसाइल प्रणाली भी शामिल है।
‘आकाश’ प्रणाली के निर्माता डॉ. प्रहलादा रामाराव ने बताया कि यह प्रणाली F-16 जैसे सुपरसोनिक विमान को भी मार गिरा सकती है। उन्होंने इसका एक भावनात्मक टैगलाइन भी साझा किया — “सारा आकाश हमारा”।
भार्गवास्त्र: अगली पीढ़ी की रक्षा प्रणाली
रक्षा क्षेत्र में नवाचार की दिशा में भारत ने हाल ही में ‘भार्गवास्त्र’ नामक नवीन ड्रोन रोधी प्रणाली का परीक्षण भी किया। यह प्रणाली कम लागत वाली और ‘हार्ड किल मोड’ में काम करती है। परीक्षण इस सप्ताह ओडिशा के गोपालपुर में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
घरेलू रक्षा उत्पादन पर जोर
ऑपरेशन सिंदूर के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा:
“अगर हम हथियार विदेश से खरीदते हैं तो हम अपनी सुरक्षा किसी और के हाथ में सौंपते हैं, जो दीर्घकालिक समाधान नहीं हो सकता।”
पीएम मोदी का स्पष्ट संदेश
ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपने पहले भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक नीति अपनाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत केवल उसी स्थिति में पाकिस्तान से बातचीत करेगा जब विषय होगा — आतंकी ढांचे को समाप्त करना और पाक-अधिकृत कश्मीर की वापसी।
स्थायी परिवर्तन की ओर संकेत
सरकार के रुख से साफ है कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि भारत की बदलती रणनीतिक सोच और नई सैन्य नीति का संकेत है — जहां सक्रिय प्रतिरोध और स्वदेशी रक्षा निर्माण भविष्य की दिशा तय करेंगे।