
मई 2025:
देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 मामलों में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, लेकिन इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बेहल ने सोमवार को स्पष्ट किया कि फिलहाल घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि संक्रमण की तीव्रता सामान्यतः हल्की पाई गई है।
डॉ. बेहल ने बताया कि पश्चिम और दक्षिण भारत से लिए गए कोविड सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग में जो नए वेरिएंट्स पाए गए हैं, वे गंभीर नहीं हैं और ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट्स हैं। इन वेरिएंट्स में शामिल हैं:
- LF.7
- XFG
- JN.1
- NB.1.8.1
इनमें से LF.7, XFG और JN.1 अधिक प्रचलित पाए गए हैं। उन्होंने कहा, “देश के अन्य हिस्सों से लिए गए सैंपलों की भी सीक्वेंसिंग की जा रही है, और एक-दो दिनों में यह साफ हो जाएगा कि वहां भी नए वेरिएंट्स मौजूद हैं या नहीं।”
तीन प्रमुख बिंदुओं पर रखी जा रही नजर
डॉ. बेहल ने कहा कि जब भी कोविड मामलों में बढ़ोतरी होती है, हम तीन मुख्य बातों पर नजर रखते हैं:
- वेरिएंट की संक्रामकता – यानी यह कितनी तेजी से फैलता है। पिछली लहरों की तुलना में इस बार मामलों की रफ्तार बहुत धीमी है।
- प्रतिरक्षा क्षमता से बचाव – क्या वेरिएंट प्राकृतिक या वैक्सीन से बनी इम्युनिटी को चकमा दे रहा है। लेकिन अभी ऐसा कुछ नहीं देखा गया है जिससे चिंता की जरूरत हो।
- संक्रमण की गंभीरता – क्या लोग बिना किसी अन्य बीमारी के भी गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं। फिलहाल ऐसे मामले बहुत कम हैं और अधिकांश संक्रमण हल्के लक्षणों वाले हैं।
सरकार सतर्क, पर घबराने की जरूरत नहीं
डॉ. बेहल ने बताया कि आईडीएसपी (IDSP – Integrated Disease Surveillance Programme) के ज़रिए सभी क्षेत्रों में कोविड मामलों की निगरानी की जा रही है। इसके अलावा, ICMR का राष्ट्रीय रेस्पिरेटरी वायरस सेंटिनल सर्विलांस नेटवर्क भी नए संक्रमणों और संभावित खतरनाक वायरस पर नजर रख रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें उन्होंने स्वयं और स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक ने भाग लिया। इस बैठक में स्थिति का आकलन किया गया और फिलहाल कोई विशेष उपाय करने की आवश्यकता नहीं बताई गई है।
WHO का अपडेट और वैक्सीन पर राय
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मई 2025 तक LF.7 और NB.1.8.1 वेरिएंट्स को “Variants Under Monitoring” की श्रेणी में रखा गया है, ना कि “Variants of Concern” या “Variants of Interest” के रूप में। हालांकि, ये वेरिएंट्स चीन और एशिया के कुछ अन्य हिस्सों में मामलों की वृद्धि के लिए जिम्मेदार माने जा रहे हैं।
बूस्टर डोज़ पर पूछे गए सवाल के जवाब में डॉ. बेहल ने कहा,
“फिलहाल भारत में वैक्सीन लेने की कोई आवश्यकता नहीं है। जरूरत पड़ने पर भारत में किसी भी प्रकार की वैक्सीन को तुरंत विकसित किया जा सकता है।”
जनता के लिए संदेश
अंत में, डॉ. बेहल ने देशवासियों से सतर्क रहने, लेकिन घबराने की बजाय सामान्य सावधानियों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा,
“फिलहाल विशेष चिंता की कोई बात नहीं है। लोग मास्क पहनें, भीड़-भाड़ से बचें और बुनियादी सावधानियों का पालन करते रहें।”