
नई दिल्ली:
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को भूटान की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा शुरू की है। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब चीन रणनीतिक रूप से अहम डोकलाम क्षेत्र में लगातार अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में जुटा हुआ है। इस दौरे का उद्देश्य भारत और भूटान के बीच पहले से मजबूत सैन्य रिश्तों को और गहराई देना है।
सेना के मुताबिक, यह यात्रा भारत की अपने पड़ोसी देशों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूती देने की दिशा में एक अहम कदम है।
थिम्पू में होगी शीर्ष स्तर की मुलाकातें
भूटान की राजधानी थिम्पू में जनरल द्विवेदी, राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से शिष्टाचार भेंट करेंगे। इसके अलावा वे रॉयल भूटान आर्मी के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बातू छेरिंग के साथ विस्तृत रक्षा बातचीत भी करेंगे।
यह दौरा 30 जून से 3 जुलाई तक चलेगा और क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति, खासतौर पर डोकलाम में चीनी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए बेहद अहम माना जा रहा है।
डोकलाम विवाद की पृष्ठभूमि में बढ़ती रणनीतिक साझेदारी
भारत और भूटान के बीच रक्षा संबंधों में बीते कुछ वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2017 में डोकलाम ट्राई-जंक्शन पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच 73 दिन लंबा सैन्य टकराव हुआ था, जो भूटान की भूमि पर चीन द्वारा सड़क निर्माण की कोशिश से शुरू हुआ था। भारत ने इस पर कड़ा विरोध दर्ज कराया क्योंकि इससे भारत की सुरक्षा पर सीधा असर पड़ता।
भूटान ने उस क्षेत्र को अपना हिस्सा बताया और भारत ने उस दावे का समर्थन किया। कई दौर की बातचीत के बाद यह विवाद सुलझा।
डोकलाम और भारत की सुरक्षा चिंताएं
डोकलाम क्षेत्र रणनीतिक रूप से भारत के लिए बेहद संवेदनशील है। ऐसे में भूटान और चीन के बीच चल रही सीमा वार्ताएं भारत के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं।
भूटान और चीन के बीच करीब 400 किमी लंबी सीमा है, जिस पर विवाद है। इस विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। अक्टूबर 2021 में दोनों देशों ने सीमा समाधान के लिए तीन-स्तरीय रोडमैप पर सहमति बनाई थी।
2023 के अंत में भूटान के तत्कालीन विदेश मंत्री टांडी दोरजी और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच बीजिंग में वार्ता हुई। चीन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भूटान ‘वन चाइना’ नीति का पालन करता है और सीमा विवाद का जल्द समाधान चाहता है।
भारत इन वार्ताओं पर कड़ी नजर बनाए हुए है, क्योंकि डोकलाम ट्राई-जंक्शन में कोई भी बदलाव उसकी सुरक्षा रणनीति को प्रभावित कर सकता है।
भारत-भूटान सैन्य सहयोग और संवाद
भूटान के रॉयल आर्मी के चीफ ऑफ ऑपरेशन्स लेफ्टिनेंट जनरल ने फरवरी में भारत दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा प्रमुख जनरल अनिल चौहान, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से मुलाकात की थी।
जनरल द्विवेदी की यह यात्रा भारत-भूटान के बीच सैन्य तालमेल को एक नई दिशा देने के साथ-साथ, क्षेत्रीय रणनीतिक संतुलन बनाए रखने की दृष्टि से भी बेहद अहम मानी जा रही है।