
नई दिल्ली, 9 जून 2025: ऑपरेशन सिन्दूर के चलते भारत ने एक बड़ा रक्षा फैसला लिया है। रक्षा मंत्रालय 10,000 करोड़ रुपये की लागत से तीन अत्याधुनिक जासूसी विमान (I-STAR सिस्टम) खरीदने का प्रस्ताव ला रहा है। यह विमान भारतीय वायुसेना (IAF) को दुश्मन के ठिकानों जैसे रडार स्टेशन, एयर डिफेंस यूनिट्स और अन्य मोबाइल टारगेट्स पर सटीक हमले करने की क्षमता देंगे।
क्या है I-STAR सिस्टम?
I-STAR का मतलब है Intelligence, Surveillance, Target Acquisition and Reconnaissance. यह सिस्टम भारत को अमेरिका, ब्रिटेन और इज़राइल जैसे उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल करेगा, जिनके पास अत्याधुनिक हवाई निगरानी और टारगेटिंग की क्षमता है।
I-STAR सिस्टम की मुख्य विशेषताएं:
- एयर-टू-ग्राउंड सर्विलांस: यह विमान उच्च ऊंचाई से दूर खड़े होकर दुश्मन के ठिकानों की रीयल टाइम निगरानी करेगा।
- डायनामिक टारगेटिंग: समय-संवेदनशील और गतिशील टारगेट्स पर सटीक हमलों के लिए जानकारी उपलब्ध कराएगा।
- मल्टी-स्पेक्ट्रल सेंसिंग: असामान्य ताकतों और छिपे हुए खतरों को दिन और रात में भी पहचान सकता है।
- इंडिजिनस टेक्नोलॉजी: विमान के अंदर लगने वाले सभी सिस्टम पूरी तरह देश में बनाए गए हैं – DRDO के सेंटर फॉर एयरबोर्न सिस्टम्स द्वारा विकसित।
कौन बनाएगा विमान?
- तीन जासूसी विमान बोइंग और बॉम्बार्डियर जैसी विदेशी कंपनियों से ओपन टेंडर के ज़रिए खरीदे जाएंगे।
- इन विमानों को भारत में मॉडिफाई कर I-STAR सिस्टम से लैस किया जाएगा।
क्या तैयार है यह टेक्नोलॉजी?
रक्षा अधिकारियों के अनुसार, DRDO का विकसित किया गया सिस्टम पहले ही सफलतापूर्वक टेस्ट किया जा चुका है। अब सिर्फ इन विदेशी विमानों में इस तकनीक को इंस्टॉल किया जाएगा।
कब होगा फैसला?
यह प्रस्ताव जून 2025 के चौथे सप्ताह में होने वाली रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में अनुमोदन के लिए पेश किया जाएगा।
क्या बदलेगा इस फैसले से?
- भारत को मिलेगी लंबी दूरी से शत्रु पर निगरानी और हमला करने की क्षमता
- पाकिस्तान और चीन के लिए बनेगा रणनीतिक दबाव
- IAF की मारक क्षमता में होगा बड़ा इज़ाफा
- DRDO की स्वदेशी तकनीक को मिलेगा बढ़ावा
भारत का यह कदम न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करेगा, बल्कि स्वदेशी रक्षा उत्पादन को भी नई ऊंचाई देगा। ऑपरेशन सिन्दूर के चलते यह फैसला आने वाले समय में भारत की रणनीतिक बढ़त सुनिश्चित करेगा।