
हरियाणा के जींद जिले में अचानक बदले मौसम ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। बीते दिन हुई भारी ओलावृष्टि से 30 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं, जिससे खेतों में खड़ी गेहूं, सरसों और सब्जियों की फसलें बर्बाद हो गईं। इस प्राकृतिक आपदा से किसान गहरे संकट में आ गए हैं, क्योंकि उनकी सालभर की मेहनत पर पानी फिर गया।
ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान
कई किसानों का कहना है कि तेज हवा और ओलों की मार से उनकी फसलें पूरी तरह से गिर गई हैं। खेतों में पानी भर जाने से गेहूं की फसलें खराब हो गईं, वहीं सरसों और सब्जियों को भी नुकसान पहुंचा है। इस अचानक आई आपदा ने किसानों की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर डाला है।
प्रशासन ने शुरू किया सर्वे, मिलेगा मुआवजा?
सरकारी अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर फसल नुकसान का आंकलन शुरू कर दिया है। जल्द ही सर्वे रिपोर्ट तैयार कर किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि नुकसान झेल रहे किसानों को हरसंभव सहायता दी जाएगी।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यह पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुआ है, जिससे हरियाणा सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में अचानक बारिश और ओलावृष्टि हुई। हालांकि, आगामी दिनों में मौसम के सामान्य रहने की संभावना है, जिससे किसानों को बची हुई फसल संभालने का मौका मिल सकता है।
किसानों के लिए जरूरी सलाह
विशेषज्ञों का सुझाव है कि किसान फसल बीमा योजना का लाभ लें और मौसम पूर्वानुमान पर ध्यान दें। साथ ही, खेतों में जल निकासी की व्यवस्था मजबूत करें ताकि पानी जमा न हो और फसलों को अतिरिक्त नुकसान से बचाया जा सके।
जींद जिले में आई इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है। प्रशासन द्वारा किए जा रहे सर्वे से उम्मीद है कि जल्द ही किसानों को राहत मिलेगी। अब सभी की नजरें सरकार पर टिकी हैं कि नुकसान की भरपाई के लिए कितनी जल्दी मदद पहुंचाई जाएगी।