
ईद के दिन बांग्लादेश सेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख की प्रो. मुहम्मद यूनुस से मुलाकात, चुनाव घोषणा के तुरंत बाद हुई चर्चा
ढाका: ईद-उल-अजहा के मौके पर बांग्लादेश सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मान और नौसेना प्रमुख एडमिरल एम. नजमुल हसन ने देश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की। यह भेंट राजधानी ढाका स्थित स्टेट गेस्ट हाउस ‘जमुना’ में हुई, जिसमें दोनों शीर्ष सैन्य अधिकारी अपनी पत्नियों के साथ शामिल हुए।
यह बैठक खास इसलिए मानी जा रही है क्योंकि एक दिन पहले ही प्रो. यूनुस ने घोषणा की थी कि बांग्लादेश में आम चुनाव अप्रैल 2026 के पहले छमाही में होंगे।
क्या यह सिर्फ शिष्टाचार भेंट थी?
सरकारी बयान के अनुसार, यह मुलाकात ईद की शुभकामनाओं के आदान-प्रदान के लिए थी। सेना की ओर से जारी आधिकारिक संदेश में कहा गया:
“पवित्र ईद-उल-अजहा के अवसर पर सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मान अपनी पत्नी के साथ मुख्य सलाहकार से शिष्टाचार भेंट के लिए पहुंचे। दोनों पक्षों ने ईद की बधाई दी और आपसी कल्याण की कामना की।”
हालांकि, राजनीतिक हलकों में इस बैठक को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, विशेषकर इसलिए कि सेना प्रमुख ने हाल ही में कहा था कि चुनाव दिसंबर 2025 तक करा लिए जाने चाहिए।
बीएनपी ने जताई नाराजगी, मांगा दिसंबर में चुनाव
बांग्लादेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने अप्रैल में चुनाव कराने के प्रस्ताव को अस्वीकार किया है।
बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा:
“अप्रैल का समय देश के लिए उपयुक्त नहीं है। राष्ट्रीय चुनाव दिसंबर में होना चाहिए जो कि व्यावहारिक और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण से बेहतर है।”
यूनुस पर सत्ता में बने रहने के आरोप
विपक्षी नेताओं ने प्रो. यूनुस पर आरोप लगाया है कि वे चुनाव टालकर बिना जनमत के सत्ता में बने रहना चाहते हैं।
ध्यान देने योग्य है कि अंतरिम सरकार ने पहले दिसंबर 2025 से जून 2026 के बीच चुनाव का अनिश्चित टाइमलाइन घोषित किया था।
लेकिन हालिया घोषणा से संकेत मिलते हैं कि यूनुस को सत्ता में एक और साल मिल सकता है।
क्या बदलते राजनीतिक समीकरणों की ओर इशारा है यह मुलाकात?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सेना और नौसेना प्रमुख की यह मुलाकात सिर्फ औपचारिक नहीं थी।
यह आने वाले राजनीतिक घटनाक्रम की दिशा और सैन्य नेतृत्व की भूमिका पर गहरी नजर रखने का संकेत देती है।
एक ओर जहां प्रो. यूनुस चुनाव में देरी कर अधिक समय तक सत्ता में बने रहने का अवसर प्राप्त कर सकते हैं, वहीं दूसरी ओर, सेना और विपक्ष इस कदम से असहमत नजर आ रहे हैं। इस मुलाकात ने बांग्लादेश की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है।