
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आज कोणार्क कॉर्प्स के अंतर्गत आने वाले राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र लौंगेवाला का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जवानों की दक्षता की सराहना की और भारतीय वायुसेना व सीमा सुरक्षा बल के साथ समन्वय में किए गए संयुक्त अभियानों की समीक्षा भी की।
पाकिस्तान द्वारा लगातार ड्रोन हमलों के दौरान, ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना, एयरफोर्स और बीएसएफ ने जैसलमेर से लेकर कच्छ क्षेत्र तक फैले रेगिस्तानी इलाके में पूरी तरह से समन्वित प्रतिक्रिया दी। इस संयुक्त प्रयास ने दुश्मन के सभी हमलों को नाकाम किया और पश्चिमी सीमा पर अपनी ताकत का पूरी तरह से अहसास कराया। भारतीय सेना ने अपने निगरानी उपकरणों और एयर डिफेंस सिस्टम को तुरंत तैनात किया और एयरफोर्स तथा बीएसएफ के साथ मिलकर काम किया। इस चौकसी के साथ यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी प्रकार का नुकसान न हो।
जवानों से संवाद करते हुए भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने लोंगेवाला में तैनात सैनिकों के साहस, समर्पण और दृढ़ता की सराहना की। उन्होंने विशेष रूप से दुश्मन के ड्रोन घुसपैठ को सफलतापूर्वक निष्क्रिय करने के लिए जवानों की तारीफ की। जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारतीय सेना अभी भी एलओसी और पूरे पश्चिमी सीमा पर पूरी तरह से सतर्क और तैनात है।
इसके अलावा, 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर फायरिंग रोकने पर सहमति बनी थी, जिसके तहत दोनों देशों ने सैनिकों की तैनाती कम करने की दिशा में कदम उठाने का निर्णय लिया था। हालांकि, वर्तमान में दोनों देशों की सीमा पर सैनिकों की तैनाती जारी है, और सभी सैन्य उपकरण अपनी निर्धारित पोजिशन पर पूरी चौकसी के साथ तैनात हैं।