
जम्मू-कश्मीर के शोपियां ज़िले में सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े दो ‘हाइब्रिड आतंकवादियों‘ को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान इरफान बशीर और उज़ैर सलाम के रूप में की गई है। पुलिस द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि इन दोनों को पुंछ ज़िले के बसकुचान इलाके में बुधवार रात को चलाए गए घेराबंदी और तलाशी अभियान (Cordon and Search Operation – CASO) के दौरान गिरफ्तार किया गया।
हाइब्रिड आतंकवादी कौन होते हैं?
‘हाइब्रिड आतंकवादी’ शब्द उन व्यक्तियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो किसी आतंकी संगठन से औपचारिक रूप से जुड़े नहीं होते या जिनका नाम सुरक्षा एजेंसियों की सूची में नहीं होता, लेकिन वे कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित होते हैं। ऐसे लोग समय-समय पर आतंकी हमलों को अंजाम देते हैं और फिर आम नागरिकों की तरह अपने रोज़मर्रा के जीवन में लौट जाते हैं। इनका आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होना अस्थायी और गुप्त होता है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों के लिए इन्हें पहचानना और पकड़ना मुश्किल हो जाता है।
गिरफ्तारी की प्रक्रिया
सुरक्षा एजेंसियों को खुफिया जानकारी मिली थी कि कुछ संदिग्ध लोग पुंछ ज़िले के बसकुचान क्षेत्र में छिपे हुए हैं। इस सूचना के आधार पर बुधवार रात को एक सघन तलाशी अभियान शुरू किया गया। अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी की और घर-घर तलाशी ली। इसी दौरान इरफान बशीर और उज़ैर सलाम को गिरफ्तार किया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये दोनों लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहे थे और किसी बड़ी आतंकी साज़िश को अंजाम देने की तैयारी में थे।
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता
इस प्रकार की गिरफ्तारी यह दर्शाती है कि सुरक्षा एजेंसियां राज्य में शांति बनाए रखने के लिए पूरी तरह सतर्क हैं और किसी भी संभावित खतरे को समय रहते निष्क्रिय करने में सक्षम हैं। अधिकारियों का कहना है कि हाइब्रिड आतंकवादियों की पहचान और गिरफ्तारी विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण होती है, क्योंकि ये आम नागरिकों की तरह जीवन जीते हैं और समाज में छिपे रहते हैं।
आगे की कार्रवाई
फिलहाल दोनों आतंकवादियों से पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे किस तरह की आतंकी गतिविधियों में शामिल थे और किन लोगों से उनके संपर्क थे। इस पूछताछ के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी और अन्य संभावित सहयोगियों की भी पहचान की जाएगी।