
सत्तू (Sattu) एक पारंपरिक भारतीय आहार है जो खासकर उत्तर भारत, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में लोकप्रिय है। यह विशेष रूप से गर्मियों में ताजगी और ऊर्जा प्रदान करने के लिए खाया जाता है। सत्तू को चने, मसूर दाल या गेंहू के आटे से तैयार किया जाता है, जिसे सूखा भूना जाता है। यह न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यधिक फायदेमंद है। इस लेख में हम सत्तू के लाभों, इसके स्वास्थ्य लाभों और इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने के तरीकों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
सत्तू क्या है?
सत्तू एक प्रकार का आटा है जिसे मुख्य रूप से दालों या अनाजों से तैयार किया जाता है। यह आटा खासतौर पर सूखा भूनकर तैयार किया जाता है, जिससे इसके पोषक तत्व सुरक्षित रहते हैं। सत्तू को पानी, नमक, मसाले या शहद के साथ मिलाकर खाया जा सकता है। यह पारंपरिक बिहारी व्यंजन है, लेकिन अब इसे पूरे देश में खाया जाता है।
सत्तू के स्वास्थ्य लाभ
सत्तू के स्वास्थ्य लाभों की सूची बहुत लंबी है, क्योंकि यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है और शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाता है। इसके कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
- पाचन में मददगार
सत्तू पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो पेट साफ रखने और कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में मदद करता है। यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और आंतों की सेहत को भी सुधारता है। - ऊर्जा का स्रोत
सत्तू शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है। खासकर गर्मी के मौसम में यह शरीर को ठंडक प्रदान करने में मदद करता है। इसमें प्राकृतिक रूप से ऊर्जा देने वाले तत्व होते हैं, जो शरीर को पूरे दिन सक्रिय बनाए रखते हैं। - वजन कम करने में सहायक
सत्तू में मौजूद फाइबर की उच्च मात्रा वजन कम करने में सहायक होती है। यह लंबे समय तक पेट भरा महसूस कराता है, जिससे अधिक खाने की इच्छा कम होती है। इसलिए यह वजन कम करने के लिए एक बेहतरीन आहार विकल्प है। - हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
सत्तू में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करता है। - त्वचा की सेहत
सत्तू के सेवन से त्वचा में निखार आता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद करते हैं। - हाइड्रेशन
सत्तू का सेवन शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। इसे ठंडे पानी के साथ मिलाकर पिया जाता है, जो गर्मी में शरीर को ठंडक और ताजगी प्रदान करता है।
सत्तू कैसे बनाते हैं?
सत्तू को घर पर आसानी से बनाया जा सकता है। इसके लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
- चने का आटा या गेहूं का आटा
- पानी
- नमक (स्वाद अनुसार)
- नींबू का रस (optional)
- मसाले (जैसे जीरा, मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, आदि)
बनाने की विधि:
- सबसे पहले सत्तू का आटा एक कटोरे में डालें।
- उसमें पानी, नमक और मसाले डालें।
- अच्छी तरह से मिला लें और उसे गाढ़ा होने तक घोलें।
- इस घोल को एक गिलास में डालें और ठंडा पानी डालकर अच्छे से घोलें।
- नींबू का रस और थोड़ा सा हरा धनिया डालकर स्वाद बढ़ाएं।
- आपका ताजगी से भरपूर सत्तू तैयार है।
सत्तू के विभिन्न रूप
सत्तू को विभिन्न रूपों में खाया जा सकता है। कुछ सामान्य रूपों में शामिल हैं:
- सत्तू शरबत: यह गर्मियों में शरीर को ठंडक और ताजगी प्रदान करता है।
- सत्तू पराठा: सत्तू को पराठे में भरकर भी खाया जा सकता है, जो स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है।
- सत्तू रायता: इसे दही के साथ मिलाकर रायता बनाया जा सकता है।
सत्तू का सेवन कब करना चाहिए?
सत्तू को विशेष रूप से गर्मी में दिन के समय के दौरान लिया जाता है। सुबह का नाश्ता या दोपहर का भोजन करने से पहले इसका सेवन ताजगी और ऊर्जा देने में मदद करता है। इसे ठंडे पानी के साथ पिया जा सकता है, जो शरीर को हाइड्रेट भी करता है। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो सत्तू का सेवन एक बेहतरीन तरीका हो सकता है क्योंकि यह लंबे समय तक पेट को भरा हुआ महसूस कराता है।
सत्तू एक पारंपरिक और अत्यधिक पोषक तत्वों से भरपूर आहार है, जो शरीर को ऊर्जा, ताजगी और ताकत प्रदान करता है। यह पाचन, हृदय स्वास्थ्य, और त्वचा की सेहत के लिए फायदेमंद है। सत्तू को विभिन्न रूपों में खाकर आप इसके स्वास्थ्य लाभों का पूरा फायदा उठा सकते हैं। इसके अलावा, यह एक प्राकृतिक और स्वदेशी उपाय है जो शरीर को हर मौसम में स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।