
Official portrait of President Donald J. Trump, Friday, October 6, 2017. (Official White House photo by Shealah Craighead)
वॉशिंगटन डी.सी. – 14 फरवरी, 2025
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अहम घोषणा की है, जिसमें उन्होंने मुंबई हमलों से जुड़े ताहव्वुर हुसैन राणा को भारत प्रत्यर्पित करने के पक्ष में समर्थन जताया है। राणा, जो पाकिस्तानी-कनाडाई बिजनेसमैन हैं, 2008 के मुंबई हमलों के आरोप में दोषी पाए गए थे, जहां 166 लोग मारे गए थे। वह पिछले कुछ समय से यू.एस. में सजा काट रहे हैं, और भारत काफी समय से उनकी वापसी की मांग कर रहा था।
ट्रंप का यह कदम एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है, क्योंकि यह भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और मजबूत कर सकता है।
ट्रंप के बयान में कहा गया, “मुंबई हमले एक दिल दहला देने वाली घटना थे, और हमें उन पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय दिलाना चाहिए। यह कदम दुनिया भर के देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का संदेश देता है।”
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने यू.एस. का धन्यवाद किया और कहा कि यह कदम आतंकवाद के खिलाफ जिम्मेदारी को अहमियत देता है।
यह निर्णय कई सालों की कानूनी लड़ाई और कूटनीतिक बातचीत के बाद आया है। अब, राणा का प्रत्यर्पण वैश्विक आतंकवाद विरोधी प्रयासों के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।
हालांकि, यह कदम सभी को संतुष्ट नहीं कर रहा। कुछ आलोचकों का मानना है कि ट्रंप ने यह फैसला भारत के दबाव में लिया, जबकि कुछ लोगों को इस फैसले का समय सही नहीं लग रहा, खासकर जब दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ रहे हैं।
राणा के वकीलों ने पहले ही इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। उनका कहना है कि राणा के अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। एक वकील ने कहा, “राणा को इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है, और हम इस फैसले को अदालत में चुनौती देंगे।”
अब, जैसे-जैसे कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, यह देखा जाएगा कि क्या यह प्रत्यर्पण आतंकवाद के खिलाफ देशों के बीच और अधिक सहयोग को बढ़ावा देता है।