
बिहार: चाची-भतीजे के प्रेम ने रिश्तों की मर्यादा को किया तार-तार, पति और बच्ची को छोड़ मंदिर में रचाई शादी
बिहार के जमुई ज़िले से एक हैरान कर देने वाली प्रेम कहानी सामने आई है, जिसने पारिवारिक रिश्तों की सीमाओं को पूरी तरह तोड़ दिया। आमतौर पर प्रेमी-प्रेमिका के घर से भागकर शादी करने की घटनाएं सुनी जाती हैं, लेकिन इस बार मामला कुछ अलग ही है। यहां एक महिला ने अपने पति और मासूम बेटी को छोड़कर अपने ही भतीजे से मंदिर में विवाह कर लिया।
यह चौंकाने वाली घटना सदर थाना क्षेत्र के सिकहरिया गांव की है, जहां शुक्रवार की शाम गांव की आयुषी कुमारी ने अपने ही रिश्ते के भतीजे सचिन दुबे से शादी कर ली। यही नहीं, विवाह की यह रस्म उसके पहले पति विशाल दुबे की मौजूदगी में गांव के मंदिर में संपन्न हुई। शादी के बाद आयुषी ने साफ शब्दों में कहा – “अब मेरा सबकुछ सचिन है।”
कैसे परवान चढ़ा चाची-भतीजे का ये रिश्ता?
आयुषी की शादी साल 2021 में विशाल दुबे से हुई थी। शादी के बाद दोनों को एक बेटी भी हुई। लेकिन इसी दौरान, पड़ोसी और रिश्ते में भतीजे लगने वाले सचिन दुबे से उसकी नज़दीकियां बढ़ने लगीं। सोशल मीडिया के ज़रिए शुरू हुई बातचीत धीरे-धीरे प्रेम संबंध में बदल गई। दोनों पिछले दो वर्षों से एक-दूसरे से चुपचाप मिलते रहे। मोबाइल पर बातचीत और मुलाकातों का सिलसिला चलता रहा, लेकिन घरवालों को इसकी भनक तक नहीं लगी।
15 जून को आयुषी ने घर छोड़ा, फिर कोर्ट में तलाक की अर्जी
मामला उस वक्त सामने आया जब 15 जून को आयुषी अचानक अपने घर से गायब हो गई। उसके पति विशाल दुबे ने सदर थाना में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। बाद में पता चला कि आयुषी अपने प्रेमी सचिन के साथ फरार हो गई है। इसके बाद उसने जमुई कोर्ट में अपने पति विशाल से तलाक की अर्जी दे दी। साथ ही तीन साल की बेटी को अपने पास रखने से भी इनकार कर दिया।
मंदिर में हुई शादी, दोनों परिवारों की मौजूदगी में लिया सात फेरे
इस पूरे मामले ने तब और सनसनी फैला दी, जब शुक्रवार की शाम गांव के मंदिर में आयुषी ने सचिन के साथ शादी रचा ली। इस दौरान दोनों पक्षों के परिवारजन भी मौजूद थे। आयुषी ने अपने पहले पति के सामने ही सचिन को अपना जीवनसाथी चुन लिया। शादी के बाद उसने कहा, “अब मेरा अतीत पीछे छूट गया है, मेरा वर्तमान और भविष्य सिर्फ सचिन है।”
दोनों पक्षों की प्रतिक्रिया
शादी के बाद सचिन ने कहा, “हम दोनों पिछले दो साल से एक-दूसरे से सच्चा प्यार करते हैं। अब हमने अपने रिश्ते को सामाजिक मान्यता दी है। मैं आयुषी को हर हाल में खुश रखूंगा।”
वहीं, पहले पति विशाल दुबे ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अगर आयुषी की खुशी इसी में है तो मैं उसे नहीं रोकूंगा। लेकिन उस पर लगाए गए प्रताड़ना के आरोप पूरी तरह झूठे हैं। उल्टा वह मेरी मां और बेटी के साथ बुरा व्यवहार करती थी। अब से वह सचिन की ज़िम्मेदारी है।”
यह पूरी घटना सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों की गहराई और उनके टूटने की पीड़ा को उजागर करती है। जहां एक ओर प्रेम की आज़ादी की बात की जाती है, वहीं दूसरी ओर पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक संरचना पर ऐसे मामलों का गहरा असर भी देखने को मिलता है। यह मामला अब गांव और आसपास के इलाकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।