
बगदाद, 24 जून 2025 — इराक की राजधानी बगदाद में मंगलवार सुबह तेज़ धमाकों की आवाज़ें गूंज उठीं। ये धमाके अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इज़राइल और ईरान के बीच संघर्षविराम की घोषणा करने के कुछ ही मिनटों बाद हुए। बताया जा रहा है कि बगदाद के उत्तर में स्थित कैम्प ताजी (Camp Taji) सैन्य अड्डे को अज्ञात ड्रोन से निशाना बनाया गया।
एक इराकी सैन्य अधिकारी ने राज्य समाचार एजेंसी को बताया कि ड्रोन हमले में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। हालांकि, एक सुरक्षा अधिकारी ने AFP को बताया कि ड्रोन ने सैन्य अड्डे में मौजूद रडार सिस्टम को निशाना बनाया, जिससे भारी नुकसान हुआ है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि कैम्प ताजी में आग लगी हुई है और धुएं के गुबार उठ रहे हैं।
एक यूज़र ने पोस्ट किया, “खबरें आ रही हैं कि सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल लॉन्चर और रडार सिस्टम को निशाना बनाया गया है और अब वे जल रहे हैं।” वहीं एक अन्य यूज़र ने लिखा, “ताजी कैंप में रडार पर बमबारी हुई है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि हमला किसने किया।”
ट्रंप ने किया ‘पूर्ण संघर्षविराम’ का ऐलान
दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार तड़के घोषणा की कि इज़राइल और ईरान दोनों ने “पूर्ण और समग्र संघर्षविराम” पर सहमति जताई है। ट्रंप ने कहा कि यह संघर्षविराम अगले 12 घंटों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, जिससे “12 दिन चले युद्ध” का औपचारिक अंत होगा।
हालांकि, इस संघर्षविराम की पुष्टि न तो इज़राइल की ओर से हुई है और न ही ईरान की तरफ से। ट्रंप ने ‘ट्रूथ सोशल’ पर पोस्ट करते हुए इज़राइल और ईरान की “हिम्मत और समझदारी” की सराहना की और इस समझौते को ऐतिहासिक करार दिया।
व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘रॉयटर्स’ को बताया कि ट्रंप ने इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बातचीत कर यह समझौता करवाया। साथ ही, ट्रंप की टीम ईरान के अधिकारियों से भी संपर्क में रही। इस अधिकारी के अनुसार, इज़राइल ने संघर्षविराम की शर्त रखी कि ईरान कोई नया हमला नहीं करेगा, और ईरान ने इस शर्त का पालन करने का संकेत दिया है।
संघर्षविराम की मध्यस्थता में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ भी शामिल रहे।
इराक में ड्रोन हमला और ट्रंप द्वारा किए गए संघर्षविराम की घोषणा एक संवेदनशील समय में हुई है, जहां पश्चिम एशिया पहले से ही तनाव की स्थिति से जूझ रहा है। अब देखना यह है कि यह संघर्षविराम कितनी मजबूती से टिकता है और क्षेत्र में शांति बहाल हो पाती है या नहीं।