
मेरठ में AK-47 के 70 कारतूसों के साथ सेना का जवान गिरफ्तार, जम्मू-कश्मीर तैनाती से लाए थे गोलियां
मेरठ: उत्तर प्रदेश की आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने मंगलवार देर रात मेरठ में रैपिड रेल स्टेशन के पास एक सेना के जवान को गिरफ्तार किया, जिसके पास से AK-47 राइफल के 70 जिंदा कारतूस बरामद हुए। जवान की पहचान राहुल कुमार के रूप में हुई है, जो नागली आज़ाद गांव के रहने वाले हैं और इस समय महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित मकेनाइज़्ड इन्फैंट्री सेंटर एंड स्कूल में आतंकवाद रोधी बटालियन में तैनात हैं।
ATS और मेरठ पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में यह गिरफ्तारी उस समय हुई जब उन्हें खुफिया सूचना मिली कि एक व्यक्ति अवैध कारतूसों के साथ कार में यात्रा कर रहा है। पुलिस पहले से ही मोदिपुरम चौकी के पास वाहनों की चेकिंग कर रही थी। उसी दौरान संदिग्ध कार को रैपिड रेल स्टेशन के पास रोका गया।
ATS उपनिरीक्षक अमित कुमार भाटी द्वारा बुधवार को पल्हवपुरम थाने में दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, तलाशी के दौरान राहुल के पास से 70 AK-47 कारतूस मिले। गिरफ्तारी के समय वह सेना का पहचान पत्र भी पहने हुए था। मौके पर ही उसे हिरासत में ले लिया गया और उसके खिलाफ शस्त्र अधिनियम 1959 की धारा 7 और 25(1-AA) के तहत मामला दर्ज किया गया।
जम्मू-कश्मीर तैनाती से लाए थे कारतूस
प्रारंभिक पूछताछ में राहुल ने बताया कि ये कारतूस उसकी पिछली जम्मू-कश्मीर तैनाती के दौरान बचे थे, जहां वह आतंकवाद विरोधी अभियानों में शामिल था। ड्यूटी पूरी होने के बाद इन कारतूसों को सेना की गोदाम में जमा कराने की बजाय, वह उन्हें छुट्टी पर घर लाकर रख गया।
ATS अधिकारियों के मुताबिक, राहुल ने यह भी बताया कि मेरठ के शास्त्री नगर में रहने वाले उसके एक दोस्त—जो खुद को स्पेशल टास्क फोर्स (STF) का सदस्य बताता है—ने उससे संपर्क किया था। उस दोस्त ने कहा था कि उसके कारतूस कहीं खो गए हैं और राहुल से कुछ कारतूस लाने की गुज़ारिश की थी। इसी वजह से राहुल ने छुट्टी के दौरान कारतूस साथ लाने का फैसला किया।
मुलाकात न होने पर की अजीब हरकत
राहुल ने बताया कि जब वह मेरठ पहुंचा और कॉलेज के पास अपने दोस्त से मिलने गया, तो वह दोस्त नहीं आया। इसी दौरान एक अन्य युवक वहां पहुंचा, जिसे देखकर राहुल ने कथित तौर पर कारतूस उसकी ओर फेंके और मौके से भागने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने उसे तुरंत पकड़ लिया।
सेना ने भी शुरू की जांच
गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायज़ा लिया। सेना की ओर से भी मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है। अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कारतूस बाहर कैसे आए और क्या इसमें और लोग भी शामिल हैं।
फिलहाल, राहुल से पूछताछ जारी है और जांच एजेंसियां यह जानने में लगी हैं कि कहीं यह मामला किसी बड़े नेटवर्क या हथियारों की अवैध सप्लाई से तो नहीं जुड़ा है।