
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में दायर एक रिट याचिका में मुनिर अहमद ने अपने उत्कृष्ट CRPF सेवा रिकॉर्ड का हवाला देते हुए अपनी योग्यता साबित करने की कोशिश की है।
नई दिल्ली: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के पूर्व कांस्टेबल मुनिर अहमद ने अपनी सेवा से बर्खास्तगी को चुनौती देते हुए जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में दायर याचिका में दो भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसदों के उन सिफारिशी पत्रों का हवाला दिया है, जो उन्होंने मुनिर की पाकिस्तानी पत्नी को वीज़ा देने की प्रक्रिया तेज़ करने के लिए गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को भेजे थे।
हाईकोर्ट में दायर रिट याचिका में मुनिर अहमद ने CRPF में अपने वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट का भी उल्लेख करते हुए अपने उत्कृष्ट कार्य प्रदर्शन को रेखांकित किया है। साथ ही, उन्होंने CRPF अधिकारियों के साथ विभिन्न स्तरों पर हुए पत्राचार का विवरण भी याचिका के साथ प्रस्तुत किया है, जिसकी सुनवाई पिछले सप्ताह हाईकोर्ट की जम्मू पीठ में हुई।
बर्खास्तगी का कारण:
मई की शुरुआत में ThePrint ने रिपोर्ट किया था कि 2 मई 2025 को मुनिर अहमद को CRPF से बर्खास्त कर दिया गया था, क्योंकि बल को पता चला कि उन्होंने एक पाकिस्तानी महिला को भारत में शरण दी और उससे विवाह किया, जबकि वह शॉर्ट-टर्म वीज़ा पर भारत आई थी और इस संबंध में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सूचित नहीं किया था।
CRPF ने इसे “गंभीर कदाचार” बताया और कहा कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचा है।
मुनिर अहमद ने मई 2024 में वॉट्सऐप वीडियो कॉल के जरिए मेनल खान नाम की पाकिस्तानी नागरिक से शादी की थी।
याचिका में क्या कहा गया:
मुनिर ने अपनी रिट याचिका में तर्क दिया कि 2 मई 2025 के जिस बर्खास्तगी आदेश के तहत उन्हें सेवा से निकाला गया, वह “मनमाना, असंवैधानिक और अनुचित” है, और यह आदेश “कानून की दृष्टि में अमान्य” है। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि इस आदेश को रद्द किया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2022 से उन्होंने वैध प्रक्रिया और नियमों का पालन करते हुए अधिकारियों को समय-समय पर सूचित किया था, और इस संबंध में उनका पत्राचार याचिका के साथ संलग्न है।
अदालत की कार्यवाही:
शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान गृह मंत्रालय (MHA) और CRPF को नोटिस जारी कर 30 जून 2025 तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
सिफारिशें और पत्राचार का सिलसिला:
मुनिर ने अदालत में कहा कि उन्होंने वर्ष 2022 में अपनी शादी की अनुमति के लिए आवेदन किया था, लेकिन जनवरी 2023 में कुछ आपत्तियों के साथ आवेदन लौटा दिया गया। इसके बाद उन्होंने स्पष्टीकरण देकर दोबारा अनुमति मांगी।
याचिका में कहा गया कि नवंबर 2023 में एक आईजी स्तर के अधिकारी ने स्पेशल डीजी को इस सूचना की जानकारी दी थी, जो सेंट्रल सिविल सर्विसेज (कंडक्ट) रूल्स, 1964 के नियम 21(3) के तहत थी।
मार्च 2024 में मुनिर ने फिर से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) के लिए आवेदन दिया। 30 अप्रैल 2024 को तत्कालीन DG, CRPF ने प्रमाणित किया कि मुनिर ने विभाग को समय रहते सूचना दी थी और नियमों के अनुसार किसी आपत्ति प्रमाण पत्र को अस्वीकार करने का कोई उल्लेख नहीं है।
उन्होंने दावा किया कि अक्टूबर 2024 में 72वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर और दिसंबर 2024 में जम्मू जोन के आईजी को भी इस बारे में सूचित किया गया था।
मार्च 2025 में मुनिर को जम्मू की 72वीं बटालियन से भोपाल की 41वीं बटालियन में ट्रांसफर कर दिया गया था। उनकी नई पोस्टिंग की डायरियों में भी उनकी पत्नी की पाकिस्तानी नागरिकता का उल्लेख किया गया है।
12 अप्रैल 2025 को विभाग ने उनसे विवाह संबंधी सभी दस्तावेज और जानकारी मांगी, जिसे उन्होंने 24 अप्रैल को प्रस्तुत किया।
मुनिर ने अदालत को बताया कि उनकी पत्नी 28 फरवरी 2025 को भारत आईं और 4 मार्च को लॉन्ग टर्म वीज़ा (LTV) के लिए आवेदन किया।
BJP सांसदों की सिफारिशें:
मुनिर ने अपने चरित्र और निष्ठा को प्रमाणित करने के लिए स्थानीय BJP सांसदों के सिफारिशी पत्रों का सहारा लिया।
6 फरवरी 2025 को राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर मेनल खान को शीघ्र लॉन्ग टर्म वीज़ा जारी करने का अनुरोध किया।
उन्होंने लिखा:
“मुनिर अहमद, निवासी गांव हैंडवाल, जम्मू-कश्मीर, ने अपनी ममेरी बहन मेनल खान (निवासी सियालकोट, पाकिस्तान) से शादी की है। अतः मेनल खान भारत आना चाहती हैं।”
इस पत्र में यह भी बताया गया कि मुनिर की माँ शमशाद बीबी, मेनल खान की भारतीय प्रायोजक हैं। 24 जनवरी 2025 को गृह मंत्रालय के विदेशी विभाग ने वीज़ा को स्वीकृति दी थी और विदेश मंत्रालय अथवा दूतावास को इसकी जानकारी दे दी गई थी। खटाना ने अनुरोध किया कि वीज़ा प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।
एक अन्य पत्र में (नवंबर 2024) खटाना ने लिखा कि जुलाई 2023 में मेनल को अज्ञात कारणों से वीज़ा नहीं मिला था और इसके कारण परिवारों को शादी की तारीख दो बार टालनी पड़ी थी, जबकि मई 2024 में ऑनलाइन शादी हो चुकी थी।
उन्होंने आग्रह किया:
“कृपया वीज़ा शीघ्र प्रदान करें ताकि दुल्हन मेनल खान अपने ससुराल जाकर एक सुखद वैवाहिक जीवन जी सकें।”
इसी तरह फरवरी 2024 में जम्मू से BJP सांसद जुगल किशोर शर्मा ने गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को पत्र लिखकर मेनल खान के वीज़ा आवेदन को मंजूरी देने का अनुरोध किया।
उन्होंने लिखा था कि:
“दुल्हन के परिवार ने भारतीय दूतावास में विवाह के लिए आवेदन किया है। प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब आवेदन गृह मंत्रालय के पास लंबित है।”
“अतः आपसे अनुरोध है कि उक्त अतिथि दुल्हन और उनके परिवार को वीज़ा जारी किया जाए ताकि विवाह समारोह जम्मू में संपन्न हो सके।”