
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) संगठन को ड्रोन सप्लाई करने के मामले में शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि यह ड्रोन माओवादी संगठन की हिंसक और देश विरोधी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था।
एनआईए ने आरोपी के पश्चिमी दिल्ली के घर पर छापेमारी कर डिजिटल उपकरण जैसे हार्ड ड्राइव, पेन ड्राइव और मोबाइल फोन समेत अन्य संदिग्ध सामग्री भी जब्त की है। गिरफ्तार आरोपी का नाम विशाल सिंह है, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के रहने वाले हैं। जांच में पता चला है कि विशाल सिंह माओवादी संगठन का सदस्य है और उसने बिहार के चक्करबंदा/पंचरुखिया जंगल इलाके में इस ड्रोन को संगठन के नेताओं तक पहुंचाया था।
इसके अलावा, विशाल सिंह ने संगठन के अन्य सदस्यों को तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया था और 2019 में बिहार के जंगलों में संगठन के केंद्रीय समिति के सदस्यों के साथ बैठकें भी की थीं।
एनआईए ने बताया कि अगस्त 2024 में इसी मामले में पहले भी एक आरोपी अजय सिंघल उर्फ अमन को गिरफ्तार किया था, जो हरियाणा और पंजाब में सीपीआई (माओवादी) के राज्य संगठन समिति का प्रभारी था।
यह मामला माओवादी संगठन की उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो (एनआरबी) में अपनी कमजोर हुई पकड़ को फिर से मजबूत करने की साजिश से जुड़ा है, जिसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं।
जांच में यह भी सामने आया है कि संगठन शहरी इलाकों में भूमिगत कार्यकर्ताओं और कुछ ओवर ग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) के जरिए जो सक्रियताओं का बहाना बनाकर काम कर रहे हैं, के जरिए नए सदस्यों की भर्ती और संगठन को मजबूत कर रहा है।
एनआईए ने कहा कि इस साजिश को आगे बढ़ाने के लिए कई मुखौटा संगठन और छात्र मंच का भी इस्तेमाल किया जा रहा था। ये संगठन देश के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष की तैयारी कर रहे थे। साथ ही, इन्हें झारखंड स्थित संगठन के पूर्वी क्षेत्रीय ब्यूरो (ईआरबी) से धनराशि भी मिल रही थी।