
10-11 फरवरी को पेरिस में हुए एआई एक्शन समिट 2025 में दुनियाभर के नेता और विशेषज्ञ एक साथ आए। उनकी चर्चा का मुख्य विषय था – एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) को सुरक्षित, नैतिक और टिकाऊ कैसे बनाया जाए।
फ्रांस का बड़ा ऐलान: एआई में भारी निवेश
फ्रांस ने घोषणा की कि वह €109 बिलियन (लगभग 9 लाख करोड़ रुपये) एआई के विकास में लगाएगा। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने कहा कि फ्रांस का स्वच्छ ऊर्जा सिस्टम इसे एआई का ग्लोबल लीडर बना सकता है, जिससे तकनीक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना आगे बढ़ सके।
एआई के नियमों पर दुनियाभर का सहयोग ज़रूरी
सम्मेलन में एआई के लिए अंतरराष्ट्रीय नियम बनाने की जरूरत पर ज़ोर दिया गया। फ्रांस ने “वैश्विक एआई साझेदारी” (GPAI) को फिर से मजबूत करने का प्रस्ताव दिया, जिससे सभी देश मिल
कर जिम्मेदार एआई पर काम कर सकें।
मीडिया और समाज पर एआई का असर
1,500 से ज़्यादा लोगों ने इस सम्मेलन में भाग लिया। इसमें एआई का मीडिया और संस्कृति पर असर भी एक बड़ा विषय था। सबसे दिलचस्प पल तब आया जब मैक्रोन ने खुद का एक डीपफेक वीडियो शेयर किया, जिससे यह दिखाया गया कि एआई से बहुत कुछ संभव है, लेकिन इसके खतरे भी हैं।
क्या एआई बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है?
कुछ विशेषज्ञों ने चिंता जताई कि एआई की प्रगति इतनी तेज़ है कि सुरक्षा नियम पीछे छूट सकते हैं। उन्होंने ज़ोर दिया कि हमें मजबूत सुरक्षा उपायों की जरूरत है, ताकि एआई हमारे लिए फायदे का सौदा बना रहे और कोई बड़ा खतरा न बने।
निष्कर्ष: आगे क्या होगा?
इस शिखर सम्मेलन से साफ हो गया कि एआई भविष्य का एक अहम हिस्सा है। बड़े निवेश, वैश्विक सहयोग और नैतिकता को ध्यान में रखकर ही हम इसे सुरक्षित और उपयोगी बना सकते हैं। अब देखना होगा कि दुनिया इस दिशा में कितना तेज़ी से कदम बढ़ाती है!
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