
जयशंकर ने कहा कि भारत जर्मनी की इस समझ की सराहना करता है कि “हर देश को आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा करने का अधिकार है।”
भारत की आतंकवाद विरोधी कूटनीति: विदेश मंत्री जयशंकर की यूरोप और विश्व भ्रमण पर विशेष रिपोर्ट
नई दिल्ली: भारत की आतंकवाद के प्रति सख्त नीति और सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए उसके दृढ़ संकल्प को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूरोप के दौरे के दौरान कई देशों के शीर्ष नेताओं और सांसदों के समक्ष स्पष्ट रूप से रखा। इस तीन-राष्ट्र यात्रा के दौरान उन्होंने नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी में महत्वपूर्ण बैठकों में भाग लिया, वहीं सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल रूस, जापान, यूएई समेत अन्य देशों की यात्रा पर हैं। इस व्यापक वैश्विक कूटनीतिक अभियान का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय एकजुटता को मजबूत करना और विश्व समुदाय से इस्लामाबाद पर आतंकवादी समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का दबाव बनाना है।
जयशंकर का सख्त रुख: “भारत आतंकवाद के लिए (zero tolerance) शून्य सहिष्णुता रखता है”
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के प्रति बिल्कुल भी सहिष्णु नहीं होगा। “भारत कभी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और पाकिस्तान से केवल द्विपक्षीय रूप से ही निपटेगा। इस बारे में किसी को भी कोई भ्रम नहीं होना चाहिए,” उन्होंने बर्लिन में अपने जर्मन समकक्ष जोहान वेडेपफुल के साथ संवाददाता सम्मेलन में कहा। उन्होंने यह भी कहा कि 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के लॉन्च के दिन वेडेपफुल से बात की, जो पाकिस्तान में आतंकी ढांचे को निशाना बनाने के लिए भारत की नई रणनीति का हिस्सा था। जयशंकर ने जर्मनी की इस समझ की सराहना की कि हर देश को आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा करने का अधिकार है।
जर्मनी का समर्थन और आतंकवाद विरोधी साझेदारी
जर्मन विदेश मंत्री वेडेपफुल ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि “जर्मनी आतंकवाद के खिलाफ किसी भी लड़ाई का समर्थन करेगा। आतंकवाद को दुनिया में कहीं भी स्थान नहीं मिलना चाहिए।” उन्होंने भारत को सुरक्षा नीति में एक मजबूत और रणनीतिक साझेदार माना। दोनों देशों ने द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और वैश्विक नियम-आधारित व्यवस्था को बनाए रखने पर जोर दिया।
जयशंकर ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ से मुलाकात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं प्रेषित कीं और भारत के आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में जर्मनी की एकजुटता के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने जर्मन चांसलर के विदेश और सुरक्षा नीति सलाहकार गुन्टर साउटर के साथ भी आतंकवाद से लड़ाई सहित वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया और भरोसेमंद साझेदारी को विश्व में स्थिरता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताया।
रूस में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की सक्रिय कूटनीति
मास्को में, डीएमके सांसद कनिमोळी करुणानिधि के नेतृत्व वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने रूस के फेडरेशन काउंसिल (ऊपरी सदन) और डूमा (निचला सदन) के सदस्यों को भारत की आतंकवाद विरोधी नीति और ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति से अवगत कराया। इस प्रतिनिधिमंडल में समाजवादी पार्टी के राजीव राय, भाजपा के बृजेश चौटा, राजद के प्रेम चंद गुप्ता, आप के अशोक कुमार मित्तल, और पूर्व राजदूत मंजीव पुरी भी शामिल थे। उन्होंने रूस के उप विदेश मंत्री आंद्रे रुडेन्को से भी मुलाकात की।
भारतीय दूतावास ने बताया कि रूस ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारत के साथ आतंकवाद के हर रूप के उन्मूलन के लिए अपनी एकजुटता जताई। रूस और भारत ने आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति पर सहमति व्यक्त की। प्रतिनिधिमंडल ने डूमा की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के अध्यक्ष लियोनिद स्लट्स्की और अन्य सदस्यों से भी बैठक की।
जापान में भारत के प्रति समर्थन और संसदीय संवाद
जापान में जनता दल-यूनाइटेड के सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने टोक्यो में जापान-भारत संसदीय मैत्री संघ के साथ मुलाकात की। यहाँ भारत की “शून्य सहिष्णुता” की नीति को दृढ़ता से रखा गया और जापानी नेताओं ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के संकल्प का समर्थन किया। जापान के संसद के अध्यक्ष फुकुशिरो नुकागा ने भी भारत के आतंकवाद विरोधी संकल्प की प्रशंसा की। प्रतिनिधिमंडल ने जापान के पूर्व रक्षा मंत्री मीनोरू किहारा और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के अन्य नेताओं से आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति पर विस्तृत चर्चा की।
संयुक्त अरब अमीरात में आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ावा
शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में यूएई दौरे पर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने अबू धाबी में अनवर गर्गश कूटनीतिक अकादमी के प्रमुख निकोलाय म्लादेनोव से मुलाकात की। इस दौरान आतंकवाद और कट्टरता से लड़ने में सहयोग बढ़ाने पर विचार-विमर्श हुआ। यह प्रतिनिधिमंडल भी आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के प्रयास का हिस्सा है।
भारत की व्यापक कूटनीतिक रणनीति
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने अभियान को मजबूत करने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को दुनिया के 33 देशों में भेजा है। इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद में भूमिका को विश्व के सामने उजागर करना और वैश्विक समुदाय से आग्रह करना है कि वह इस्लामाबाद पर दबाव बनाए ताकि वह आतंकवादी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
विदेश मंत्री जयशंकर और विभिन्न सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों की यह व्यापक कूटनीतिक पहल भारत की आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता और अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह परमाणु ब्लैकमेल या किसी भी तरह के आतंकवाद को स्वीकार नहीं करेगा और इसे केवल द्विपक्षीय बातचीत के माध्यम से ही सुलझाएगा। जर्मनी, रूस, जापान, यूएई और अन्य कई देशों में भारत को मिल रहा व्यापक समर्थन इस दिशा में एक मजबूत कूटनीतिक सफलता है।
भारत का यह अभियान न केवल आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा देगा, बल्कि आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्रों में स्थिरता और सुरक्षा की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। वैश्विक समुदाय के लिए यह एक स्पष्ट संदेश है कि आतंकवाद को किसी भी रूप में सहन नहीं किया जाएगा और भारत अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।