
इंफाल:
मणिपुर में सुरक्षा बलों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि राज्य के अशांत इलाकों में संयुक्त अभियान चलाकर 328 हथियार और लगभग 9,300 विभिन्न प्रकार की गोलियां बरामद की गई हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, खुफिया सूचनाओं के आधार पर शनिवार तड़के इंफाल घाटी के पांच जिलों में भारी मात्रा में हथियारों और गोलाबारूद के छिपे होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद एक साथ कई स्थानों पर तलाशी अभियान शुरू किया गया।
इस समन्वित कार्रवाई में मणिपुर पुलिस, सेना, असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की संयुक्त टीमें शामिल थीं। इन टीमों ने इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, थोउबल, बिष्णुपुर और काकचिंग जिलों के बाहरी इलाकों से बड़ी संख्या में हथियार, गोला-बारूद और युद्ध सामग्री बरामद की।
बरामद हथियारों में 151 सेल्फ-लोडिंग राइफल (SLR), 73 अन्य राइफल, 65 INSAS राइफल, 12 हल्की मशीन गन (LMG), छह एके-47 सीरीज़ की राइफल, पांच कारबाइन, छह पिस्तौल और कई अन्य किस्म के हथियार शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, लगभग 9,300 राउंड विभिन्न प्रकार की गोलियों की भी बरामदगी की गई है।
मणिपुर पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि यह खुफिया सूचनाओं पर आधारित कार्रवाई पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी सफलता है। राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने, सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
बयान में यह भी कहा गया है कि मणिपुर पुलिस राज्य में शांति और सुरक्षा की बहाली के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही, आम जनता से अपील की गई है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या अवैध हथियारों से जुड़ी जानकारी मिलने पर तत्काल नजदीकी पुलिस थाने या केंद्रीय नियंत्रण कक्ष को सूचित करें।
पुलिस ने यह भी बताया कि वरिष्ठ अधिकारी सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर लगातार ऐसे अभियानों को योजनाबद्ध और प्रभावी रूप से जारी रखने में लगे हैं, ताकि राज्य में शांति और स्थिरता लौटाई जा सके।
गौरतलब है कि 3 मई, 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से यह पहली बार है जब सुरक्षा बलों को इतने बड़े स्तर पर हथियार और गोलियां बरामद करने में सफलता मिली है।
सरकारी रिपोर्टों और राजनीतिक दलों के अनुसार, हिंसा के दौरान भीड़, हमलावरों और उग्रवादियों द्वारा पुलिस थानों और चौकियों से 6,020 से अधिक अत्याधुनिक हथियार और लाखों राउंड गोलियां लूट ली गई थीं।
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला की 20 फरवरी को की गई अपील के बाद से, 6 मार्च तक करीब 1,000 अवैध हथियार और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद लोगों द्वारा सुरक्षा बलों को सौंपे जा चुके हैं।