
2027 जनगणना: केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना, दो चरणों में होगी जनगणना
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2027 में होने वाली जनगणना को लेकर एक नई अधिसूचना जारी की है। इससे एक दिन पहले, गृह मंत्री अमित शाह ने गृह सचिव गोविंद मोहन और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा की थी। अब केंद्र ने आधिकारिक रूप से घोषणा कर दी है कि अगली जनगणना 2027 में कराई जाएगी।
यह अधिसूचना जनगणना आयुक्त और भारत के महापंजीयक मृत्युंजय कुमार नारायण के हस्ताक्षर से जारी की गई है। इसमें बताया गया है कि जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा 3 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, भारत सरकार ने 2019 की अधिसूचना को प्रतिस्थापित करते हुए यह नया निर्णय लिया है।
अधिसूचना के अनुसार, जनगणना की संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027 तय की गई है। हालांकि, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर के हिमपात प्रभावित इलाके, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों के लिए यह तिथि 1 अक्टूबर 2026 की मध्यरात्रि (00:00 बजे) होगी।
गौरतलब है कि भारत में पिछली बार जनगणना 2011 में हुई थी। अब 2027 की जनगणना विशेष होगी क्योंकि इसमें 1931 के बाद पहली बार जातिगत आंकड़ों को राष्ट्रीय स्तर पर एकत्र किया जाएगा।
जनगणना प्रक्रिया दो भागों में विभाजित होगी:
- पहला चरण – हाउस लिस्टिंग ऑपरेशन (HLO): इसमें हर घर की स्थिति, वहां मौजूद सुविधाएं और संपत्तियों से जुड़ी जानकारी एकत्र की जाएगी।
- दूसरा चरण – जनसंख्या गणना (Population Enumeration): इसमें घर के प्रत्येक व्यक्ति से संबंधित सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और व्यक्तिगत विवरण दर्ज किए जाएंगे। साथ ही, जाति से संबंधित जानकारी भी शामिल की जाएगी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस विशाल प्रक्रिया के लिए करीब 34 लाख गणनाकार और पर्यवेक्षक, तथा 1.3 लाख प्रशासनिक अधिकारी तैनात किए जाएंगे।
यह भारत की 16वीं जनगणना होगी और स्वतंत्र भारत की आठवीं। इस बार पूरी जनगणना डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से की जाएगी — मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा और स्व-गणना (self-enumeration) की सुविधा भी आम जनता को दी जाएगी।
डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े साइबर सुरक्षा उपाय अपनाए जाएंगे, ताकि आंकड़ों का संकलन, संचार और संग्रह पूरी तरह सुरक्षित रह सके।