
मुख्य बातें:
- ट्रंप ने कोर्ट के फैसले को बताया “भयानक” और “देश के लिए ख़तरनाक”
- सुप्रीम कोर्ट से जल्दी और निर्णायक कार्रवाई की अपील
- अपीलीय अदालत ने निचली अदालत के फैसले पर लगाई अस्थायी रोक
- ट्रंप ने फ़ेडरलिस्ट सोसाइटी और जजों पर भी साधा निशाना
क्या है मामला?
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएस कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड के उस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उनके प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ्स (आयात शुल्क) को अवैध ठहराकर रोक लगाने का आदेश दिया गया था।
ट्रंप ने TRUTH Social पर लिखा:
“उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस भयानक और देश को खतरे में डालने वाले फैसले को जल्दी और निर्णायक रूप से पलट देगा।”
अदालतों में क्या हो रहा है?
इस विवाद में नया मोड़ तब आया जब यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फेडरल सर्किट (वॉशिंगटन) ने निचली अदालत के फैसले पर अस्थायी रोक लगा दी।
अब:
- याचिकाकर्ताओं को 5 जून तक जवाब देना होगा
- अमेरिकी प्रशासन को 9 जून तक अपनी प्रतिक्रिया देनी है
ट्रंप की तीखी प्रतिक्रिया
ट्रंप ने फैसले को अमेरिका विरोधी बताते हुए लिखा:
“तीन जजों ने ऐसा कैसे फैसला दिया? क्या ये ट्रंप से नफरत है? और क्या वजह हो सकती है?”
उन्होंने आगे कहा:
“अगर टैरिफ के लिए राष्ट्रपति को कांग्रेस की मंजूरी लेनी पड़ी, तो राष्ट्रपति की ताकत खत्म हो जाएगी। यह फैसला अमेरिका की संप्रभुता के लिए सबसे बड़ा खतरा है।”
फ़ेडरलिस्ट सोसाइटी पर निशाना
ट्रंप ने अपनी ही नामित कुछ न्यायिक नियुक्तियों पर नाराजगी जताते हुए कहा:
“फ़ेडरलिस्ट सोसाइटी ने कई बार मुझे गलत सलाह दी। कुछ जजों पर गर्व है, लेकिन कई बेहद निराशाजनक हैं।”
‘अब तक का सबसे सख्त आर्थिक फैसला’
ट्रंप ने चेतावनी दी:
“अगर यह फैसला कायम रहा, तो अमेरिका को ट्रिलियनों डॉलर का नुकसान होगा। यह अब तक का सबसे सख्त आर्थिक फैसला होगा किसी भी संप्रभु देश पर।”
डोनाल्ड ट्रंप के तीखे बयान और अदालतों की जटिल कार्यवाही इस मामले को और गंभीर बना रही हैं। अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं, जो इस फैसले को पलटेगा या बरकरार रखेगा।