
नई दिल्ली – सीमा पार से ड्रोन हमलों के बढ़ते खतरों को देखते हुए भारतीय सेना अब पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। रक्षा मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि भारत अब ऐसे एडवांस सिस्टम्स का परीक्षण कर रहा है, जो दुश्मन के ड्रोन हमलों को नाकाम कर सकें।
यह कदम उस समय उठाया गया है जब पाकिस्तान ने हाल ही में भारत के खिलाफ ड्रोन और “लोइटरिंग म्यूनिशन” जैसे अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया। पाकिस्तान ने यह कार्रवाई भारत द्वारा आतंक के ठिकानों पर चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में की थी। यह ऑपरेशन आतंकियों द्वारा कश्मीर के पहलगाम इलाके में पर्यटकों पर किए गए हमले के बाद शुरू किया गया था।
आकाशतेर सिस्टम बना भारत की पहली रक्षा दीवार
भारतीय सेना ने इन हमलों का मुंहतोड़ जवाब “आकाशतेर” नामक स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम से दिया। यह सिस्टम भारतीय सेना की नई तकनीकी शक्ति का प्रतीक बन गया है और आने वाले समय में यह भारत की ड्रोन डिफेंस रणनीति की रीढ़ साबित हो सकता है।
पूर्व रक्षा सलाहकार और लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) वी.जी. खंडारे ने बताया, “हमारी सेनाएं पहले से ही ऐसे सिस्टम्स का परीक्षण कर रही हैं जो ड्रोन और नई पीढ़ी के हवाई हमलों को प्रभावी ढंग से विफल कर सकें।”
वे इंडिया स्पेस कांग्रेस में एक सत्र को संबोधित कर रहे थे, जिसका आयोजन SIA-India ने किया।
बिना सीमा पार किए दुश्मन को पहुंचाया गया भारी नुकसान
खंडारे ने इस बात को भी रेखांकित किया कि भारतीय सेना और वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एक भी बार सीमा पार नहीं की, लेकिन फिर भी लक्ष्य पर सटीक वार किया गया और आतंक के ठिकानों को तबाह किया गया।
यह रणनीति भारत की “बियॉन्ड बॉर्डर स्ट्राइक कैपेबिलिटी” को दर्शाती है – यानी बिना ज़मीन पर कदम रखे दुश्मन के इलाके में प्रभावशाली सैन्य कार्रवाई करना।
जमीन पर मौजूदगी आज भी जरूरी
हालांकि उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि तकनीक की अहमियत बढ़ने के बावजूद जमीन पर सैनिकों की मौजूदगी का विकल्प नहीं है।
“जब तक कोई इलाका फौज के बूट्स के नीचे नहीं आता, तब तक उस पर असली अधिकार नहीं होता,” उन्होंने कहा।
भारत की भविष्य की तैयारी
भारत अब ऐसे एंटी-ड्रोन सिस्टम्स पर काम कर रहा है जिनमें AI आधारित ट्रैकिंग, सिग्नल जैमिंग टेक्नोलॉजी, और रडार-गाइडेड डिटेक्शन शामिल हैं। ये सिस्टम्स न केवल सीमाओं की सुरक्षा बढ़ाएंगे, बल्कि शहरी इलाकों में संभावित खतरे को भी समय रहते पहचानने में मदद करेंगे।
ड्रोन हमले अब युद्ध का नया चेहरा बन चुके हैं और भारत ने समय रहते इसकी गंभीरता को समझा है। सेना की मौजूदा तैयारी दर्शाती है कि देश अब हर मोर्चे पर मुकाबले के लिए पूरी तरह तैयार है – चाहे वो आसमान हो या ज़मीन।