
पश्चिम बंगाल के बक्सा टाइगर रिजर्व में दुर्लभ बादली तेंदुए का पता चला
पश्चिम बंगाल वन विभाग ने हाल ही में बादली तेंदुए की एक दुर्लभ तस्वीर साझा की है, जो सबसे प्राचीन और रहस्यमयी बड़ी बिल्ली की प्रजातियों में से एक है। यह फोटो बक्सा टाइगर रिजर्व में क्लिक की गई थी और इसे 4 अगस्त, अंतरराष्ट्रीय बादली तेंदुआ दिवस के मौके पर वन विभाग के फेसबुक पेज पर पोस्ट किया गया।
यह नज़र क्यों है खास?
बादली तेंदुआ आईयूसीएन रेड लिस्ट में संवेदनशील (वर्नरेबल) प्रजाति के रूप में दर्ज है क्योंकि इसकी आबादी में भारी गिरावट आई है। माना जाता है कि जंगली क्षेत्रों में इसके केवल 10,000 से भी कम जीव बचे हैं। भारत में बादली तेंदुआ केवल कुछ घने जंगलों में पाया जाता है, जिनमें बक्सा एक प्रमुख क्षेत्र है।
बादली तेंदुए के बारे में जानें
Neofelis nebulosa के नाम से जानी जाने वाली यह बिल्ली रात्रिचर, पेड़ों पर रहने वाली और छोटे स्तनधारियों का शिकार करने वाली होती है। 20वीं सदी के दूसरे हिस्से में शिकार और जंगल कटाई के कारण इसकी संख्या में तेज गिरावट आई।
बक्सा टाइगर रिजर्व: जैव विविधता का खजाना
- 1983 में स्थापित और 1992 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित
- क्षेत्रफल लगभग 759 वर्ग किलोमीटर
- नाम बक्सा किले से लिया गया
- दुर्लभ ऑर्किड और औषधीय पौधों का घर
- यहाँ 230+ पक्षी, 67 स्तनधारी, और 36 सरीसृप प्रजातियाँ पाई जाती हैं
- कठिन भू-भाग की वजह से अभी भी कुछ हिस्से अनछुए हैं
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
इस भव्य तस्वीर को सोशल मीडिया पर खूब सराहा गया। भारतीय वन सेवा के अधिकारी पर्वीन कासवान ने भी इसे साझा करते हुए “बिल्कुल अद्भुत” बताया।