
अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने भारतीय सेना के एक जवान और उसके साथियों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है, जिनके पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से कथित संबंध बताए जा रहे हैं। ये गिरफ्तारी ऐसे वक्त हुई है जब भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया पहलगाम आतंकी हमले के बाद तनाव चरम पर है। पंजाब पुलिस ने उन लोगों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है, जिन पर पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारियां लीक करने का शक है।
गिरफ्तार दोनों आरोपियों की पहचान गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी फौजी और साहिल मसीह उर्फ शाली के रूप में हुई है। अमृतसर (ग्रामीण) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनींदर सिंह के मुताबिक, गुरप्रीत सिंह 2016 से भारतीय सेना में सेवा दे रहे थे और गिरफ्तारी के समय जम्मू में तैनात थे। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि वह सीधे ISI के अधिकारियों से संपर्क में था और यूएसबी ड्राइव के जरिए भारत की सैन्य गुप्त जानकारियां पाकिस्तान तक पहुंचा रहा था।
एसएसपी मनींदर सिंह ने पुष्टि की कि गुरप्रीत ने ISI के हैंडलर राणा जावेद से सीधे संपर्क स्थापित किया था, जो पाकिस्तान की ओर से मुख्य समन्वयक बताया गया है। पुलिस ने आरोपियों से दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनमें ISI एजेंटों से बातचीत के सबूत मिले हैं। इन उपकरणों की फोरेंसिक जांच और डिजिटल विश्लेषण में जासूसी के संबंध स्पष्ट हुए हैं।
जांच एजेंसियां अब इस जासूसी नेटवर्क के पूरे दायरे की पड़ताल कर रही हैं और यह पता लगाने की कोशिश में हैं कि क्या ये दोनों किसी अन्य राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन से भी जुड़े थे। इसके अलावा पुलिस यह भी जांच रही है कि पहलगाम हमले जैसे संवेदनशील घटनाक्रम या भारत-पाक सीमा तनाव के दौरान कौन-कौन सी गुप्त सूचनाएं साझा की गईं।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि गुरप्रीत को पहलगाम हमले की पूर्व जानकारी हो सकती है और वह आतंकवादियों को क्या जानकारी दे चुका था, इसकी भी जांच चल रही है।
यह मामला अब तेजी से सुलझाने की दिशा में है और पंजाब पुलिस इस जासूसी और आतंकी साजिश के जाल को पूरी तरह उजागर करने में जुटी है।