
ISI की साजिश बेनकाब: रिटायर्ड पाकिस्तानी अफसर का बड़ा खुलासा – पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ा दिल्ली कनेक्शन और खालिस्तानी नेटवर्क
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की गूंज अब पाकिस्तान तक पहुंच चुकी है। पाकिस्तान सेना के एक रिटायर्ड मेजर आदिल राजा ने इस हमले को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आदिल राजा का दावा है कि यह हमला पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर ही अंजाम दिया गया और इसमें कई शीर्ष अधिकारी सीधे तौर पर शामिल थे।
ISI की पर्दे के पीछे की साजिश
आदिल राजा, जो कि पाक सेना की 18 हॉर्स रेजिमेंट में सेवाएं दे चुके हैं और अब ब्रिटेन में निर्वासन में हैं, ने बताया कि ISI के स्पेशल ऑपरेशंस के डायरेक्टर मुहम्मद हारून मुर्तजा और डिप्टी डायरेक्टर जनरल अहमद आरिफीन ने इस आतंकी हमले के लिए हथियार और फंडिंग मुहैया करवाई। इतना ही नहीं, इनमें से एक अधिकारी पहले नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास में भी तैनात रह चुका है।
एबीपी न्यूज़ ने पहले ही रिपोर्ट किया था कि हमले के दौरान ISI के DG स्पेशल ऑपरेशंस शहाब असलम आतंकियों के संपर्क में थे। अब आदिल राजा ने इस साजिश की गहराई और ISI की भूमिका को और ज्यादा उजागर कर दिया है।
दिल्ली तक पहुंचा आतंक का नेटवर्क
राजा के अनुसार, मुहम्मद हारून मुर्तजा, जो कि ISI के स्पेशल ऑपरेशंस डायरेक्टर हैं, वर्ष 2021 तक भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग में ‘संस्कृति और व्यापार’ के प्रथम सचिव के पद पर तैनात थे। इस पद की आड़ में वह ISI के अंडरकवर ऑपरेशंस को अंजाम दे रहे थे।
दूसरी ओर, अहमद आरिफीन जो ISI के डिप्टी डायरेक्टर जनरल हैं, न केवल पहलगाम हमले में शामिल रहे, बल्कि भारत में खालिस्तानी आतंकियों को ड्रोन के माध्यम से पैसा और ड्रग्स पहुंचाने के पूरे अभियान की निगरानी भी कर रहे हैं। राजा ने दावा किया कि आरिफीन कुछ समय विएना स्थित पाकिस्तानी दूतावास में भी तैनात थे और अब दोनों अधिकारी ISI के मुख्यालय में कार्यरत हैं।
आसिम मुनीर की सत्ता की लालसा का नतीजा?
आदिल राजा का यह भी दावा है कि इस पूरे ऑपरेशन के पीछे पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर का हाथ था। उन्होंने बताया कि यह हमला दरअसल एक राजनीतिक चाल का हिस्सा था ताकि मुनीर अपनी पकड़ पाकिस्तान की सत्ता पर और मजबूत कर सकें। राजा के अनुसार, मुनीर ने ही ISI के शीर्ष अधिकारियों को आतंकियों की सहायता करने का निर्देश दिया।
ISI यूनिट H और खालिस्तानी ऑपरेशन
राजा के अनुसार, ISI की ‘यूनिट H’ नामक विशेष शाखा भारत के खिलाफ विभिन्न गुप्त अभियानों को अंजाम दे रही है। अहमद आरिफीन इस यूनिट की अगुवाई करते हैं और खालिस्तानी नेटवर्क को समर्थन देने का जिम्मा उनके कंधों पर है। ड्रोन से भारत में हथियार, ड्रग्स और पैसा पहुंचाना इसी यूनिट के एजेंडे का हिस्सा है।
ISI की छवि बचाने की कोशिशें और आदिल राजा पर दबाव
यह पहली बार नहीं है जब आदिल राजा ने ISI और पाकिस्तानी सेना की कार्यप्रणाली को उजागर किया है। एक इन्वेस्टिगेटिव पत्रकार के तौर पर वह लंबे समय से पाकिस्तान की सत्ता और सेना की साजिशों को दुनिया के सामने ला रहे हैं। उनकी गतिविधियों से परेशान ISI अब ब्रिटेन में उनके खिलाफ फर्जी सबूतों के सहारे कानूनी लड़ाई लड़ रही है।
ISI ने कोर्ट में दलील दी है कि वह आतंकवाद में शामिल नहीं है और पाकिस्तान की सरकारों के गठन या गिराने में उसकी कोई भूमिका नहीं होती। लेकिन सच्चाई सबको पता है। इमरान खान की सरकार को गिराकर शहबाज शरीफ को सत्ता में लाने में ISI की भूमिका किसी से छुपी नहीं है।
ISI की वैश्विक साजिशों का काला चेहरा
भारत और अफगानिस्तान में हुए कई आतंकी हमलों में ISI की भूमिका पहले भी सामने आती रही है। अब पहलगाम हमले में उसका हाथ होने के पुख्ता संकेत एक बार फिर सामने आ चुके हैं। आदिल राजा के खुलासे यह दिखाते हैं कि ISI केवल सीमापार आतंकवाद में ही नहीं, बल्कि भारत के आंतरिक मामलों में भी गहरी घुसपैठ की कोशिशें कर रही है।
इन खुलासों ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि पाकिस्तान कब तक आतंक के इस खेल को अपने विदेशी नीति का हिस्सा बनाए रखेगा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे कब तक नजरअंदाज करता रहेगा?