
नई दिल्ली:
क्राइमिया के आसमान में एक ड्रोन शांत उड़ान भरता रहा। किसी को भनक तक नहीं लगी। फिर अचानक – धमाका! लपटें उठीं, धुआं छाया और रूस की सबसे भरोसेमंद एयर डिफेंस प्रणाली S-400 के टुकड़े टुकड़े हो गए।
लेकिन यह कोई साधारण हमला नहीं था।
यूक्रेन की खुफिया एजेंसी GUR की ‘घोस्ट यूनिट’ ने S-400 सिस्टम के सबसे अहम हिस्से – 91N6E “Big Bird” रडार को ही निशाना बना डाला।
और यही है इस हमले की असली कहानी।
क्या है Big Bird रडार?
‘Big Bird’ सिर्फ एक रडार नहीं, बल्कि S-400 सिस्टम की आंख है।
ये हाई-टेक रडार 600 किलोमीटर दूर तक खतरे को भांप सकता है – चाहे वह बैलिस्टिक मिसाइल हो या स्टेल्थ फाइटर। यह S-बैंड में काम करता है और phased array टेक्नोलॉजी से खतरे की पहचान करता है।
लेकिन जब यह रडार ही खत्म हो जाए, तो पूरा सिस्टम ‘अंधा’ हो जाता है।
यूक्रेन ने कैसे मारा S-400 को?
इस हमले में यूक्रेन ने न केवल एक, बल्कि दो Big Bird रडार को एक ही झटके में ध्वस्त कर दिया। यह हमला क्राइमिया में हुआ, जिसे रूस ने 2014 से अपने कब्जे में ले रखा है।
यूक्रेन ने न सिर्फ रूस की सीमा में घुसकर हमला किया, बल्कि उसकी ‘सबसे सुरक्षित’ तकनीक को भी बेअसर साबित कर दिया।
यूक्रेन की मिलिट्री इंटेलिजेंस ने इस ऑपरेशन की पुष्टि की है।
भारत को क्यों चिंता होनी चाहिए?
भारत ने रूस से S-400 सिस्टम खरीदा है और उसकी तैनाती पहले ही शुरू हो चुकी है।
रूस ने इसे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ एयर डिफेंस सिस्टम के तौर पर प्रचारित किया था। लेकिन जब एक कम लागत वाला ड्रोन इस सिस्टम की रडार को ही नष्ट कर दे, तो सवाल उठना लाज़मी है।
क्या भारत की हवाई सुरक्षा वास्तव में सुरक्षित है?
क्या हमें इस तकनीक पर दोबारा सोचने की ज़रूरत है?
रूस की छवि पर सवाल
रूस अब भी दावा करता है कि S-400 अजेय है। लेकिन युद्धभूमि की हकीकत कुछ और कह रही है।
टुकड़ों में बिखरी उसकी रडार यूनिट्स और जलते मलबे के बीच उसकी प्रतिष्ठा भी जल रही है।
इस घटना ने दिखा दिया है कि कोई भी टेक्नोलॉजी पूर्ण नहीं होती, और अब रूस के दोस्त देश – खासकर भारत – इस पर नई नज़र से विचार कर सकते हैं।