
बुधवार सुबह जैसे ही ईरान और इज़राइल में नई सुबह हुई, क़तर द्वारा मध्यस्थता किए गए युद्धविराम के संकेत मजबूत दिखे। हालांकि, दोनों देशों ने घोषणा के कुछ ही घंटों के भीतर एक-दूसरे पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगा दिया।
पहले उल्लंघनों के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाराजगी जताई। फिलहाल वह NATO शिखर सम्मेलन के लिए नीदरलैंड्स में हैं।
इस बीच, CNN की एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में शुरुआती अमेरिकी खुफिया विश्लेषण का हवाला दिया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले ने उसकी परमाणु क्षमताओं को पूरी तरह नष्ट नहीं किया — जो राष्ट्रपति ट्रंप के “पूरी तरह तबाह” करने के दावे से उलट है।
क्या है अब तक की स्थिति:
संवेदनशील युद्धविराम: मंगलवार को ईरान और इज़राइल के बीच युद्धविराम लागू हुआ, लेकिन चंद घंटों बाद ही तनाव फिर बढ़ गया। इज़राइल ने दावा किया कि ईरान से दागी गई दो मिसाइलों को उसने रोका, जिसे तेहरान ने सिरे से नकारा। इसके बाद इज़राइल ने जवाबी हमला किया — जिससे ट्रंप और भी भड़क गए।
ट्रंप की तीखी प्रतिक्रिया: राष्ट्रपति ने दोनों पक्षों की आलोचना की, लेकिन उनके शब्द इज़राइल के लिए अधिक कठोर थे। उन्होंने कहा, “दो देश इतने लंबे समय से लड़ रहे हैं कि अब खुद नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं।” व्हाइट हाउस के अनुसार, मंगलवार सुबह ट्रंप और इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच “सख्त” बातचीत हुई। इसके बाद इज़राइल ने आगे की कार्रवाई से परहेज़ किया।
युद्धविराम अभी कायम: दोनों देशों ने फिलहाल युद्धविराम का पालन करने का भरोसा दिया है — बशर्ते दूसरा पक्ष उल्लंघन न करे। लेकिन क्षेत्र में युद्धविराम अक्सर अस्थायी साबित हुए हैं, और माहौल अभी भी बेहद तनावपूर्ण है।
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट: सूत्रों के अनुसार, अमेरिका के शुरुआती खुफिया विश्लेषण से संकेत मिला है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर किए गए अमेरिकी हमले ने इसे कुछ महीनों के लिए ही धीमा किया है, न कि पूरी तरह समाप्त। व्हाइट हाउस ने इस रिपोर्ट के होने की पुष्टि की, लेकिन उसके निष्कर्षों से असहमति जताई। ट्रंप ने भी CNN की रिपोर्ट को खारिज किया और सोशल मीडिया पर लिखा कि ईरान की परमाणु साइट्स “पूरी तरह नष्ट” कर दी गई हैं।
कांग्रेस ब्रीफिंग स्थगित: मंगलवार को ट्रंप प्रशासन ने गुरुवार और शुक्रवार को होने वाली खुफिया ब्रीफिंग्स को टाल दिया। इससे डेमोक्रेट सांसदों में असंतोष है, जबकि रिपब्लिकन नेताओं ने ट्रंप का समर्थन किया है।
गाज़ा में हालात और बिगड़े: गाज़ा में हिंसा जारी है। इज़राइली सेना के मुताबिक मंगलवार को एक विस्फोट में उसके सात सैनिक मारे गए। वहीं गाज़ा की स्वास्थ्य सेवाओं ने बताया कि मंगलवार को जब स्थानीय नागरिक गाज़ा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन से सहायता लेने पहुंचे, तब इज़राइली हमले में 21 फिलीस्तीनी मारे गए। यह सहायता संगठन इज़राइल और अमेरिका द्वारा समर्थित है, लेकिन इसकी शुरुआत से ही यह संघर्ष और त्रासदी में घिरा रहा है।
भले ही ईरान और इज़राइल ने फिलहाल युद्धविराम को स्वीकार किया है, पर हालात बेहद नाजुक हैं। ट्रंप की कूटनीतिक और सैन्य रणनीतियाँ भी सवालों के घेरे में हैं, और गाज़ा में मानवीय संकट लगातार गहराता जा रहा है। NATO शिखर सम्मेलन के बीच यह सब कुछ ट्रंप के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।