
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई बने उप सेना प्रमुख (रणनीति), ऑपरेशन सिंदूर में निभाई थी अहम भूमिका
नई दिल्ली, 9 जून 2025: भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना का चेहरा बने थे, को अब उप सेना प्रमुख (रणनीति) नियुक्त किया गया है। वे वर्तमान में महानिदेशक सैन्य संचालन (DGMO) के पद पर भी कार्यरत हैं और वह जिम्मेदारी भी संभालते रहेंगे।
🇮🇳 ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान पर सटीक प्रहार
लेफ्टिनेंट जनरल घई उन वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों में शामिल थे जिन्होंने 7 से 10 मई के बीच चले चार दिवसीय सैन्य संघर्ष के बाद मीडिया को ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी थी। यह अभियान पहुंलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों के मारे जाने के बाद शुरू किया गया था।
इस ऑपरेशन में:
- भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकवादी शिविरों पर बमबारी की।
- भारतीय वायुसेना ने 13 पाकिस्तानी एयरबेस और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।
- कम से कम 100 आतंकवादियों को मार गिराया गया।
हॉटलाइन वार्ता और संघर्षविराम
10 मई की शाम, लेफ्टिनेंट जनरल घई ने पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला से हॉटलाइन पर बात की, जिसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष को रोकने का फैसला लिया गया।
- 12 मई को एक बार फिर दोनों DGMO के बीच बातचीत हुई, जिसमें “एक भी गोली नहीं चलाने” और अग्रिम क्षेत्रों से सैनिक घटाने जैसे आत्मविश्वास निर्माण उपायों पर सहमति बनी।
सम्मान और भूमिका
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने घई को उत्तम युद्ध सेवा पदक (UYSM) से सम्मानित किया है।
- उन्हें यह पुरस्कार 15 कोर (श्रीनगर मुख्यालय) के कमांडर के रूप में उनके अद्वितीय योगदान के लिए दिया गया।
नई भूमिका में जिम्मेदारियां
उप सेना प्रमुख (रणनीति) के रूप में अब लेफ्टिनेंट जनरल घई की देखरेख में ये प्रमुख विभाग होंगे:
- सैन्य संचालन
- सैन्य खुफिया
- रणनीतिक योजना
- सूचना युद्ध
पाकिस्तान का जवाब और भारत की तैयारी
पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन के जवाब में “ऑपरेशन बुनियान-उल-मरसोस” शुरू किया था, लेकिन रक्षा प्रमुख जनरल अनिल चौहान के अनुसार, यह ऑपरेशन सिर्फ 8 घंटे में समाप्त हो गया, जो पाकिस्तान के 48 घंटे में भारत को घुटने टेकने के दावे को झुठलाता है।
घई का संदेश
11 मई की मीडिया ब्रीफिंग में जनरल घई ने कहा:
“भारतीय सेना ने अत्यधिक संयम बरता। हमारे सभी कदम सटीक, सीमित और गैर-उत्तेजक थे। लेकिन देश की संप्रभुता, अखंडता या नागरिकों की सुरक्षा पर कोई भी खतरा हुआ, तो उसका निर्णायक जवाब दिया जाएगा।”
: लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई की नई भूमिका भारतीय सेना की रणनीतिक दिशा को और अधिक स्पष्ट और मजबूत बनाएगी। ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका ने उन्हें भारत की सुरक्षा नीति का एक अहम चेहरा बना दिया है।