
यह स्पष्ट संकेत था कि पाकिस्तान के साथ हालिया संघर्ष में रूसी हथियार प्रणाली भारत के लिए कारगर साबित हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आदमपुर एयरबेस यात्रा के दौरान उनकी पृष्ठभूमि में रूसी S-400 रक्षा प्रणाली और मिग-29 लड़ाकू विमान स्पष्ट रूप से देखे गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के आदमपुर एयरबेस का दौरा कर एक बड़ा संदेश दिया — वह अग्रिम एयरबेस जिसे पाकिस्तान ने 9 मई की रात मिसाइल से निशाना बनाने की कोशिश की थी।
पाकिस्तानी मिसाइल को भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने हवा में ही मार गिराया, लेकिन आदमपुर एयरबेस की ओर पाकिस्तान की इस खतरनाक उकसावे की कार्रवाई के जवाब में भारत ने रावलपिंडी, इस्लामाबाद, लाहौर और कराची समेत करीब एक दर्जन पाकिस्तानी एयरबेस पर मिसाइल हमले किए, जिससे वहां भारी नुकसान हुआ। पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने भारत के आदमपुर एयरबेस को नुकसान पहुंचाया है, लेकिन प्रधानमंत्री की मंगलवार को हुई यात्रा ने इन दावों को गलत साबित कर दिया।
प्रधानमंत्री की पृष्ठभूमि में रूसी S-400 डिफेंस सिस्टम और मिग-29 दिखाई दिए — यह एक और बड़ा संदेश था कि मौजूदा पाकिस्तान के साथ संघर्ष में रूसी उपकरण भारत के लिए बेहद प्रभावी साबित हुए हैं।
भारत ने रूस के साथ 2018 में एक बड़े समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 2020 से अब तक S-400 डिफेंस सिस्टम की तीन स्क्वाड्रन प्राप्त की हैं। यह डील ऐसे समय में हुई जब अमेरिका की ओर से भारत पर भारी दबाव था और यहां तक कि अमेरिका ने इस खरीदारी को लेकर भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दी थी।
इस साल के अंत तक भारत को S-400 की और स्क्वाड्रन मिलने की उम्मीद है।
भारत में S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की स्क्वाड्रन आने से कई बड़े और रणनीतिक फ़ायदे होंगे। ये सिस्टम भारत की वायु रक्षा क्षमताओं को एक नए स्तर पर ले जाता है। मुख्य फ़ायदे नीचे दिए गए हैं:
1. अत्याधुनिक वायु रक्षा सुरक्षा
S-400 दुनिया के सबसे उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम में से एक है। यह एक साथ कई लक्ष्यों (जैसे लड़ाकू विमान, ड्रोन, क्रूज़ मिसाइलें और बैलिस्टिक मिसाइलें) को 400 किमी तक की दूरी से ट्रैक और नष्ट कर सकता है। इससे भारत की हवाई सीमाएं कहीं ज्यादा सुरक्षित हो जाती हैं।
2. चीन और पाकिस्तान दोनों पर दबाव
S-400 की तैनाती भारत को एक साथ दो मोर्चों पर – चीन और पाकिस्तान – की वायु शक्ति से निपटने में सक्षम बनाती है। इससे भारतीय रक्षा प्रणाली को “डिटरेंस” यानी प्रतिरोध की ताकत मिलती है।
3. रणनीतिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा
S-400 सिस्टम भारत के न्यूक्लियर, सैन्य और इंडस्ट्रियल केंद्रों जैसे दिल्ली, मुंबई, सैन्य ठिकानों, और परमाणु संयंत्रों को मिसाइल और हवाई हमलों से बचाने में सक्षम है।
4. कम प्रतिक्रिया समय और अधिक सटीकता
S-400 का रडार और मिसाइल सिस्टम अत्यंत तेज़ और सटीक है, जो सेकंडों में प्रतिक्रिया देता है। इससे दुश्मन की मिसाइलों और विमानों को हवा में ही नष्ट किया जा सकता है।
5. तकनीकी बढ़त और मनोवैज्ञानिक बढ़त
इसकी तैनाती न केवल तकनीकी बढ़त देती है बल्कि पड़ोसी देशों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी डालती है कि भारत की वायु सीमाएं अभेद्य हैं।
6. स्वदेशी प्रणालियों के साथ एकीकरण
S-400 को भारत के अन्य रडार और एयर डिफेंस नेटवर्क जैसे आकाश मिसाइल सिस्टम और भारतीय वायुसेना के स्वदेशी संसाधनों के साथ जोड़ा जा सकता है, जिससे समन्वित रक्षा प्रणाली बनती है।