
ऑपरेशन सिन्दूर: भारतीय नौसेना की अहम भूमिका का खुलासा
भारतीय नौसेना ने आज पहली बार खुलासा किया कि ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान अरब सागर में की गई नौसेना की तैनाती ने पाकिस्तान नौसेना को बंदरगाह या तट के पास ही रहने को मजबूर कर दिया।
नौसेना की भूमिका को स्पष्ट करते हुए वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने बताया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर बैटल ग्रुप्स, सतही बलों, पनडुब्बियों और विमानन संसाधनों को पूर्ण युद्ध तैयारी के साथ समुद्र में तैनात कर दिया गया था।
भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को अब ‘चेतावनी दे दी गई है’ — यह घोषणा उस दिन की गई जब अमेरिका की मध्यस्थता से दोनों देशों के बीच 100 घंटे तक चले ड्रोन और मिसाइल युद्ध को रोकने के लिए संघर्षविराम लागू हुआ।
भारतीय सेना ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ में भारत के 5 सैनिक शहीद हुए, जबकि 7 से 10 मई के बीच नियंत्रण रेखा पर हुई गोलीबारी में पाकिस्तान की सेना के लगभग 35 से 40 जवान मारे गए।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि..
सभी भारतीय पायलट सुरक्षित: ऑपरेशन में भाग लेने वाले सभी भारतीय पायलट सुरक्षित अपने घर लौट आए हैं, यह जानकारी भारती ने दी।
पाकिस्तान की भारत की सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश नाकाम: भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान वायु सेना द्वारा भारत के सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश को नाकाम कर दिया।
भारत में आतंकी हमले की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी: डीजीएमओ (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि अगर भारतीय भूमि पर सीमा पार से आतंकी हमला होता है, तो उसकी “भारी” कीमत चुकानी पड़ेगी।
पाकिस्तान ने भारत से संघर्षविराम का अनुरोध किया: डीजीएमओ ने यह भी पुष्टि की कि उनके पाकिस्तानी समकक्ष ने उन्हें फोन कर संघर्षविराम का प्रस्ताव दिया, जिसे भारत ने स्वीकार कर लिया।
भारतीय नौसेना की कार्रवाई “एस्केलेशन लैडर” का हिस्सा: वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने कहा कि नौसेना की कार्रवाई “एस्केलेशन लैडर” (तनाव के बढ़ते स्तर की रणनीति) का हिस्सा है और अगर पाकिस्तान कोई दुस्साहस करता है, तो उसे अच्छी तरह पता है कि भारत क्या कर सकता है।