
रूस-यूक्रेन संघर्ष हर दिन एक नया रूप ले रहा है, लेकिन हाल ही में दोनों देशों ने एक मानवीय कदम उठाने का फैसला किया है। एएफपी की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन और रूस ने गंभीर रूप से घायल सैनिकों को उनके अपने देशों में वापस भेजने पर सहमति जताई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, युद्धबंदियों की यह अदला-बदली जल्द ही होने की संभावना है।
लगभग 6,000 सैनिकों के अवशेष भी लौटाए जाएंगे
केवल घायल या बीमार सैनिक ही नहीं, बल्कि दोनों देशों ने लगभग 6,000 मृत सैनिकों के अवशेषों को भी एक-दूसरे को सौंपने पर सहमति दी है। कीव के अधिकारियों के अनुसार यह प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। इसके अलावा, रूस और यूक्रेन ने 18 से 25 वर्ष की आयु के युवा सैनिकों को भी उनके देशों में वापस भेजने का फैसला किया है।
यह कदम संघर्ष के बीच मानवीय मूल्यों को बनाए रखने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास माना जा रहा है
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच एक बड़ा मानवीय कदम: गंभीर रूप से घायल सैनिकों और 6,000 शवों के आदान-प्रदान पर सहमति
रूस और यूक्रेन के बीच जारी तीन साल पुराने युद्ध के बीच, दोनों देशों ने एक बार फिर मानवीय आधार पर एक अहम निर्णय लिया है। तुर्की के शहर इस्तांबुल में सोमवार को हुई बैठक में यूक्रेन के रक्षा मंत्री और मुख्य वार्ताकार रुस्तम उमेरोव ने बताया कि, “हमने गंभीर रूप से घायल और बीमार युद्धबंदियों को ‘सभी के बदले सभी’ के सिद्धांत पर आदान-प्रदान करने पर सहमति बनाई है। दूसरी श्रेणी में 18 से 25 वर्ष की आयु के युवा सैनिक शामिल हैं — इनके लिए भी ‘सभी के बदले सभी’ की नीति पर सहमति बनी है। इसके साथ ही दोनों पक्षों ने 6,000-6,000 सैनिकों के शवों को लौटाने पर भी सहमति जताई है।”
बैठक में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया और यह पुष्टि की गई कि युद्धबंदियों और मारे गए सैनिकों के अवशेषों का आदान-प्रदान जल्द किया जाएगा। यह रूस और यूक्रेन के बीच इस तरह की दूसरी उच्च स्तरीय बातचीत थी, लेकिन एक बार फिर संघर्ष विराम को लेकर कोई ठोस प्रगति नहीं हो सकी।
यूक्रेन के उप विदेश मंत्री सेरही किस्लित्स्या के अनुसार, “रूसी पक्ष ने बिना शर्त युद्धविराम के प्रस्ताव को फिर से खारिज कर दिया।”
हालांकि युद्ध रोकने को लेकर अब तक कोई हल नहीं निकला है, लेकिन घायल सैनिकों, युवाओं और शहीदों के अवशेषों की वापसी को युद्ध के बीच एक सकारात्मक मानवीय पहल के रूप में देखा जा रहा है।