
दिल्ली कोर्ट ने 26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को परिवार से बात करने की दी अनुमति, स्वास्थ्य पर रिपोर्ट भी तलब
नई दिल्ली:
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को एक बार के लिए अपने परिवार से फोन पर बात करने की अनुमति दी है। हालांकि, यह कॉल तिहाड़ जेल के नियमों के अनुसार और एक वरिष्ठ जेल अधिकारी की निगरानी में की जाएगी।
राणा ने 27 मई को कोर्ट में याचिका दायर कर अपने परिवार से बात करने की इजाज़त मांगी थी। इसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक बार की कॉल की अनुमति देने पर सहमति जताई।
कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से यह भी पूछा है कि क्या राणा को जेल नियमावली के तहत भविष्य में नियमित रूप से कॉल करने की इजाजत दी जा सकती है। इसके साथ ही अदालत ने राणा की स्वास्थ्य संबंधी स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है, जिसे 10 दिनों के भीतर दाखिल करना होगा।
64 वर्षीय राणा पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यापारी हैं और फिलहाल हिरासत में हैं। वह 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी के करीबी माने जाते हैं। अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने 4 अप्रैल को राणा की प्रत्यर्पण के खिलाफ पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्हें भारत लाया गया।
तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उन्होंने डेविड हेडली, लश्कर-ए-तैयबा (LeT), हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (HUJI) और पाकिस्तान स्थित अन्य साजिशकर्ताओं के साथ मिलकर 2008 में भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पर तीन दिन तक चले आतंकी हमलों की साजिश रची थी।
क्या हुआ था 26/11 को:
26 नवंबर, 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादी समुद्री रास्ते से मुंबई पहुंचे और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन, दो पांच सितारा होटल और एक यहूदी केंद्र पर सुनियोजित हमले किए। लगभग 60 घंटे तक चले इन हमलों में 166 लोगों की जान गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।